न्यूज डेस्क
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आरएसएस पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि संघ की भेषभूषा और वाद्ययंत्र भारतीय नहीं है।
सीएम बघेल ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के लोग जिस हिटलर और मुसोलिनी को आदर्श मानते हैं, जिससे प्रेरणा लेकर यह काली टोपी और खाकी पैंट पहनते हैं और ड्रम बजाते हैं। यह न भारत की वेशभूषा है और न ही यहां का वाद्ययंत्र है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल 14 नवंबर को प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू की जयंती के मौके पर रायपुर के राजीव भवन में नेहरू जयंती व्याख्यान देते हुए यह बातें कही।
बघेल ने कहा कि जिस मुसोलिनी से मिलने के लिए दुनिया भर के नेता तरसते थे, जो कभी किसी के सम्मान में खड़े नहीं होते थे, वहीं मुसोलिनी नेहरू जी से मिलना चाहते थे, लेकिन नेहरू जी नहीं मिले।
बीजेपी पर निशाना साधते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आज जो लोग नेहरू जी का कद कम करना चाहते हैं, दरअसल वह लोकतंत्र को कमजोर करना चाहते हैं। वह नेहरू जी का कद इसलिए कम करना चाहते हैं क्योंकि उन्होंने जो लकीर खींची थी उस लकीर तक
पहुंचना उनके लिए दूर की बात है। इसलिए वह कद कम करने की कोशिश करते हैं।
बघेल ने कहा कि हमारे नेता हमेशा अपने विचारों में दृढ़़ रहे। उन्होंने अंग्रेजों के शासनकाल में जेल जाना पसंद किया। गांधी जी कहते थे कि आपके कानून में इससे कड़ी सजा हो तो दीजिए क्योंकि मैंने अपराध किया है। यह गांधी जी और नेहरू जी के विचार हैं और, वहीं विवादित ढांचा ढहाने के बाद भारतीय जनता पार्टी के नेता लालकृष्ण आडवाणी हैं जिन्होंने देश भर में रथ को लेकर चले थे, उन्होंने कहा कि मैंने नहीं गिराया है। सच कहने का साहस इनमें नहीं है।
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