न्यूज़ डेस्क
भारत में चीनी मोबाइल हैंडसेट कंपनियों के पैर पसारने का असर दुसरी कंपनियों पर भी दिखने लगा है। कोरिया की जानी मानी कंपनी सैमसंग ने भारत में अपनी कर्मचारियों की संख्या में एक हज़ार तक की कटौती करने का निर्णय लिया है। अपने मार्जिन और मुनाफे को बचाने के लिए सैमसंग पहले ही स्मार्ट फ़ोन और टेलीविजन के दामों को कम कर चुका है। इसके बाद सैमसंग ये कदम उठाने जा रही है। जहां एक ओर पहले से ही बेरोजगारी चरम पर वहीं कंपनी के इस कदम से युवाओं में निराशा और बढ़ेगी।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, कोरियन कंपनी के तीन वरिष्ठ अधिकारियों ने इस बात की जानकारी दी है उनके अनुसार देश की सबसे बड़ी कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स और मोबाइल फोन मेकर कंपनी सैमसंग को अपनी लागत को तर्कसंगत बनाने की योजना के तहत यह कदम उठाना पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि सैमसंग अब तक अपने टेलीकॉम डिवीजन से 150 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल चुकी है और अक्टूबर तक यह प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी।
वहीं, कंपनी के प्रवक्ता ने बताया कि कंपनी भारत में कारोबार करने के लिए प्रतिबद्ध है और बढ़ रहे कारोबार में अच्छा निवेश करेगी। इसके लिए दुनिया की सबसे बड़ी मोबाइल फोन कंपनी यहां अपनी फैक्ट्री स्थापित की जा रही है। साथ ही 5जी नेटवर्क जैसे नए कारोबार में भी निवेश कर रही है। उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे कंपनी आगे बढ़ेगी इसका प्रयास ज्यादा रोजगार सृजन का होगा।
10 फीसदी तक हो सकती है छंटनी
जानकारी के अनुसार, भारत में चल रही सैमसंग की ईकाइयों में लगभग 20 हजार कर्मचारी कार्यरत हैं। कंपनी के सभी बिजनेस हेड ने खराब प्रदर्शन करने वालों की सूची इंडियन ऑपरेशंस के प्रेसिडेंट को सौंप दी है। कई कारोबार के मामले में तो कुल टीम स्ट्रेंथ का 10 फीसदी हिस्सा छंटनी के तहत आ रहा है।
मुनाफा बढ़ाने पर है जोर
कंपनी ने छंटनी की इस कवायद में सेल्स, मार्केटिंग, आरऐंडडी, मैन्युफैक्चरिंग, फाइनेंस, एचआर, कॉरपोरेट रिलेशंस जैसे विभाग के कर्मचारी शामिल होंगे। यह सभी फैसले सैमसंग के सियोल स्थित मुख्यालय के निर्देश में हो रहें हैं जिसका जोर भारत में रेवेन्यू की जगह मुनाफा बढ़ाने पर है। इंडिया में सैमसंग ने अप्रैल से ही भर्तियां बंद कर रखी हैं। त्योहारी सीजन यानी दशहरा-दिवाली की बिक्री के बाद एक बार फिर से स्थिति की समीक्षा की जाएगी।
फोन और टीवी की कीमतों में 25 से 40 फीसदी तक की कटौती
भारत में चीनी ब्रांड शाओमी और वन प्लस की ज्यादा लोकप्रियता ने सैमसंग की बिक्री को चुनौती दे रही है और 2017-18 में कंपनी के मुनाफे में कमी आई है। इसकी वजह से कंपनी को अपने फोन और टीवी की कीमतों में 25 से 40 फीसदी तक की कटौती करनी पड़ी है। भारतीय स्मार्टफोन बाजार में शाओमी की हिस्सेदारी 29 फीसदी, सैमसंग की 23 फीसदी और विवो की 12 फीसदी है।