जुबिली पोस्ट ब्यूरो
नई दिल्ली। समझौता एक्सप्रेस ब्लास्ट केस में पंचकूला की एनआईए अदालत ने बड़ा फैसला सुनाया है। अदालत ने मुख्य आरोपी असीमानंद समेत सभी चारों आरोपियों को बरी कर दिया है। इस धामाके में 68 लोगों की जान चली गई थी। इससे पहले समझौता एक्सप्रेस ब्लास्ट केस में पाकिस्तानी महिला राहिला वकील की याचिका खारिज कर दी गई है। इसके बाद अदालत ने इस मामले में अपना फैसला सुनाया।
विस्फोट हरियाणा के पानीपत जिले में चांदनी बाग थाने के अंतर्गत सिवाह गांव के दीवाना स्टेशन के नजदीक हुआ था। इस ब्लास्ट के सभी आरोपियों के खिलाफ पंचकूला की स्पेशल एनआईए कोर्ट में केस चल रहा था।
बुधवार को पंचकूला स्थित एनआईए की विशेष अदालत में राहिला की याचिका पर सुनवाई हुई जिसे कोर्ट ने सीआरसीपीसी की धारा 311 के तहत खारिज कर दिया। गत 14 मार्च को मामले में फैसला सुनाया जाना था लेकिन ठीक मौके पर राहिला ने ईमेल के माध्यम से याचिका दायर कर दी, जिसके बाद कोर्ट ने फैसला टाल दिया था। राहिला ने अपने वकील मोमिन मलिक के माध्यम से कहा था कि वह मामले में गवाही देना चाहती है।
यह था मामला
भारत- पाकिस्तान के बीच सप्ताह में दो दिन चलने वाली समझौता एक्सप्रेस में 18 फरवरी 2007 में बम धमाका हुआ था। हादसे में 68 लोगों की मौत हो गई थी। ब्लास्ट में 12 लोग घायल हो गए थे। ट्रेन दिल्ली से लाहौर जा रही थी। धमाके में जान गंवाने वालों में अधिकतर पाकिस्तानी नागरिक थे। मारे जाने वाले 68 लोगों में 16 बच्चों समेत चार रेलवे कर्मी भी शामिल थे।