जुबिली न्यूज डेस्क
उत्तर प्रदेश के संभल जिले में हाल ही में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां पुलिस ने “धन वर्षा” के नाम पर एक अंतरराज्यीय ठगी और यौन शोषण के गिरोह का पर्दाफाश किया। यह गिरोह तंत्र-मंत्र और धनवर्षा का लालच देकर गरीब परिवारों को अपने जाल में फंसाता था। पुलिस ने 28 मार्च 2025 को इस गिरोह के 14 सदस्यों को गिरफ्तार किया, जिनमें तीन तथाकथित “गुरु” शामिल थे, जो तंत्र क्रिया के नाम पर अपराध को अंजाम देते थे।
इस गिरोह का तरीका बेहद शातिर था। ये लोग आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को निशाना बनाते थे और उन्हें यह झांसा देते थे कि तंत्र क्रिया से उनके घर में 5 से 35 करोड़ रुपये की “धन वर्षा” होगी। इसके लिए वे खास शर्तों वाली कुंवारी लड़कियों की मांग करते थे, जैसे कि उनकी लंबाई 5 फीट 6 इंच से अधिक हो, शरीर पर कोई निशान या टैटू न हो, और वे पूरी तरह “अछूती” हों। लड़कियों से एक फॉर्म भरवाया जाता था, जिसमें नाम, उम्र, गोत्र, वजन, मासिक धर्म की तारीख और प्राइवेट पार्ट के पास तिल जैसी निजी जानकारी मांगी जाती थी।
तंत्र क्रिया के दौरान, गिरोह लड़कियों को नशीली चीजें देकर बेहोश कर देता था। इसके बाद उनके साथ यौन शोषण किया जाता था, जिसे “पूजा” का हिस्सा बताया जाता था। पुलिस के अनुसार, इस प्रक्रिया में दुर्लभ वन्य जीवों जैसे दो मुंह वाले सांप, 20 नाखून वाले कछुए और विशेष प्रजाति के उल्लू का भी इस्तेमाल होता था। गिरफ्तार आरोपियों के मोबाइल से सैकड़ों वीडियो और तस्वीरें बरामद हुईं, जो इन अपराधों की पुष्टि करती हैं।
संभल के पुलिस अधीक्षक कृष्ण कुमार बिश्नोई ने बताया कि यह गिरोह तीन विभागों में काम करता था: “मीडिया” (लड़कियों और दुर्लभ चीजों की तलाश), “आर्टिकल” (शिकार), और “कारीगर” (तांत्रिक या गुरु)। इस मामले का खुलासा तब हुआ, जब धनारी थाना क्षेत्र के एक युवक राजपाल ने शिकायत दर्ज की कि उसे तंत्र क्रिया के बहाने अपहरण कर आगरा ले जाया गया और वहां उसकी जान लेने की कोशिश की गई। वह किसी तरह भाग निकला और पुलिस के पास पहुंचा।
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हालांकि, यह दावा कि ठीक 200 लड़कियां इस गिरोह का शिकार बनीं, अभी तक आधिकारिक रूप से पुष्टि नहीं हुआ है। पुलिस ने दर्जनों पीड़ितों की बात कही है, लेकिन सटीक संख्या जांच के बाद ही स्पष्ट होगी। गिरोह का नेटवर्क संभल के अलावा आगरा, एटा, फिरोजाबाद और राजस्थान तक फैला था। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ अपहरण, यौन शोषण, मानव तस्करी, और वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है, और जांच जारी है।
यह मामला समाज में अंधविश्वास और गरीबी का शोषण करने वाले अपराधों की गंभीरता को उजागर करता है।