Tuesday - 29 October 2024 - 5:39 PM

फिर मुलायम के ‘हिट फार्मूले’ की ओर लौटेगी समाजवादी पार्टी

पॉलिटिकल डेस्क।

लोकसभा चुनावो में मिली हार के बाद समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव बेचैन हैं।  वे हर दिन पार्टी कार्यालय में बैठ रहे हैं और लोगो से मिल रहे हैं। उन्हें यह समझ में आया है कि राजनीतिक अखाड़े के माहिर पहलवान मुलायम सिंह की उपेक्षा पार्टी के लिए नुकसान दायक रही है।
सोमवार को जब अखिलेश पार्टी कार्यालय पहुंचे तो उन्होंने ऐसे कई नेताओं को भी बुलाया जिन्हे पार्टी से निकाल दिया गया था।  सूत्र बताते हैं कि अम्बिका चौधरी और नारद राय के साथ ओम प्रकाश सिंह को भी बुलाया गया था।
बीते दो दिनों से नेता जी यानी मुलायम सिंह यादव भी पार्टी आफिस में वक्त दे रहे हैं।  माना जा रहा है कि सपा एक बार फिर मुलायम के उस फार्मूले की और लौटेगी जिसके जरिये तीन दशकों तक मुलायम ने यूपी में पार्टी की हनक बना राखी थी।

लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव संगठन में बड़ा बदलाव करने पर विचार कर रहे हैं। मिली जानकारी के अनुसार अखिलेश यादव अपनी हार के कारणों को जानने की कोशिश में जुटे हुए हैं। समाजवादी पार्टी में आने वाले दिनों में कई नए चेहरे महत्वपूर्ण पदों पर देखने को मिलेंगे।

गौरतलब है कि यूपी में बसपा और आरएलडी से गठबंधन के बावजूद समाजवादी पार्टी पांच सीटें ही हासिल कर सकी है। इस चुनाव में समाजवादी पार्टी का प्रदर्शन उम्मीद से कम रहा है।

चुनाव पूर्व माना जा रहा था कि सपा-बसपा और आरएलडी का गठबंधन सूबे में बीजेपी के लिए बड़ी चुनौती साबित होगा। हालांकि चुनाव नतीजे आने के बाद यह कयास फेल नजर आया और बीजेपी ने 80 लोकसभा सीटों में से 62 सीटों पर जीत दर्ज कर की।

पार्टी सूत्रों के मुताबिक अखिलेश यादव अब पिता मुलायम सिंह यादव के फार्मूला को अपनाएंगे। संगठन में जमीन से जुड़े नेताओं को महत्व दिया जाएगा साथ ही जातिगत समीकरणों का भी विशेष ध्यान रखा जाएगा।

बता दें कि मुलायम सिंह यादव ने अपने संगठन में जातीय समीकरणों का विशेष ध्यान रखा था। उन्होंने करीब-करीब सभी वर्गों के बड़े और जमीन से जुड़े नेताओं को अपने संगठन में महत्वपूर्ण स्थान दिया हुआ था। यही वजह थी कि मुलायम सिंह यादव सपा को इस ऊंचाई तक लेकर पहुंचे थे। मुलायम सिंह यादव ने राजपूत नेता के तौर पर मोहन सिंह, मुस्लिम वर्ग को साधने के लिए आजम खान, कर्मियों में पैठ बनाने के लिए बेनी प्रसाद वर्मा और ब्राह्मणों को खुश रखने के लिए जनेश्वर मिश्र जैसे नेताओं को संगठन में जिम्मेदारी दे रखी थी।

माना जा रहा है कि अखिलेश यादव भी अब इसी समीकरण को लागू करके नए सिरे से संगठन को मजबूत बनाने की रणनीति बना रहे हैं।

Radio_Prabhat
English

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com