न्यूज डेस्क
उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले में खेतिहर आदिवासियों के हुए नरसंहार की घटना ने देश के लोगों को भयभीत किया है। वही सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस नरसंहार के लिए कांग्रेस की पुरानी सरकारों को ज़िम्मेदार ठहरा रहे हैं। उनका कहना है कि इस विवाद की शुरुआत 1950 के दशक में कांग्रेसी सरकार के दौरान ही हो गई थी और इस हत्याकांड का मुख्य अभियुक्त को समाजवादी पार्टी से जुड़ा है।
इस भीषण नरसंहार के विरोध और उसके पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अपने कार्यकर्ताओं के साथ सोनभद्र कूच करेंगे। समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम के नेतृत्व में सैकड़ों कार्यकर्ता सपा दफ्तर से कलेक्ट्रेट तक न्याय यात्रा निकालकर विरोध प्रदर्शन करेंगे।
दरअसल पूरे मामले में कांग्रेस राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा की सक्रियता से सपा और बसपा हरकत में आई। सोमवार को बसपा प्रदेश अध्यक्ष आरएस कुशवाहा व विधान मंडल दल के नेता लालजी वर्मा के नेतृत्व में जांच दल सोनभद्र के उम्भा गांव पहुंचकर पीड़ितों से मिला। अब आज समाजवादी पार्टी न्याय यात्रा के जरिए विरोध जताएगी।
ये भी पढ़े: सोनभद्र कांड और कई किरदार!
गौरतलब है कि प्रदेश में कानून व्यवस्था के सवाल पर विधान परिषद में सोमवार को हंगामे के बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने साफ कहा कि सोनभद्र कांड में मुख्य हत्यारा सपा का ही कार्यकर्ता है। उन्होंने कहा कि सोनभद्र में नृशंसतापूर्ण हत्या का मामला सामने आया है। एक पार्टी के वरिष्ठ नेता ने गलत तरीके से ये जमीन ट्रस्ट के नाम कर दी थी। बाद में उसे अपने परिवार के सदस्यों के नाम करवा दिया।
हालांकि नेता प्रतिपक्ष अहमद हसन ने मुख्यमंत्री के आरोपों पर आपत्ति जताई। उन्होंने कहा जमीन की खरीद-बिक्री और हत्याएं भजपा राज में हुई और इसके लिए सपा-बसपा और कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है।
बताते चलें कि सोमवार को बीएसपी के प्रतिनिधिमंडल ने हत्याकांड के पीड़ितों से मुलाकात कर सांत्वना दी। पत्रकारों से बातचीत करते हुए बीएसपी के प्रदेश अध्यक्ष आरएस कुशवाहा ने बताया कि जिला प्रशासन की गलती से ही इतनी बड़ी घटना हुई है। उन्होंने मुख्यमंत्री पर टिप्पणी करते हुए कहा कि कोई घटना हो जाती है तो मुख्यमंत्री पिछली सरकारों को दोषी ठहराने लगते हैं।