स्पेशल डेस्क
शिवपाल यादव और अखिलेश यादव के रिश्ते लगातार खराब हो रहे हैं। आलम तो यह है कि दोनों एक दूसरे का चेहरा तक नहीं देखते हैं। लोकसभा चुनाव में सपा की हालत बेहद खराब रही और वह उम्मीद के मुताबिक जीत हासिल नहीं कर सकती। माना जाता है कि शिवपाल यादव की वजह से सपा का ये हाल हुआ है।
शिवपाल यादव ने सपा का सियासी समीकरण पूरी तरह से खराब कर दिया था। उधर हार के बाद मुलायम ने बहुत कोशिश कि शिवपाल यादव दोबारा सपा में वापस आ जाये लेकिन ऐसा संभव नहीं हो पा रहा है।
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शिवपाल ने दोबारा वापसी के बारे में साफ इंनकार कर दिया है लेकिन सबसे रोचक बात यह है कि लाख रार हो चाचा और भतीजे में लेकिन शिवपाल यादव अब भी सपा के विधायक है। नई पार्टी प्रसपा बनाने के बावजूद शिवपाल की सदस्यता के समाप्त करने के लिए सपा आलाकमान की ओर से अभी तक किसी तरह की कोई चिट्टीनहीं लिखी गई है। लोकसभा चुनाव में सपा के खिलाफ ताल ठोंकने वाले शिवपाल यादव को लेकर अखिलेश ने अभी तक कोई ठोस एक्शन नहीं लिया है।
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सपा के विधायक बने रहने के पीछे कहा जा रहा है कि शायद दोनों के बीच अब भी कोई समझौते हो सकता है। अब देखना होगा कि क्या अखिलेश शिवपाल यादव की विधायकी को लेकर कोई कदम उठाते है या नहीं। कुल मिलाकर शिवपाल अब भी सपा के लिए सबसे बड़ा रोड़ा साबित हो रहे हैं।