जुबिली न्यूज़ डेस्क
समाजवादी पार्टी के संस्थापक सदस्यों में से एक रहे उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री भगवती सिंह का आज निधन हो गया। वो 89 वर्ष के थे। बताया जा रहा है कि पूर्व मंत्री भगवती सिंह पिछले कई दिनों से बख्शी का तालाब स्थित चंद्र भानु गुप्त कृषि महाविद्यालय में रह रहे थे। वहीं रविवार सुबह उनका निधन हुआ। अब परिजन उनका पार्थिव शरीर लेकर रिवर बैंक कॉलोनी आवास आ गए हैं।
उनके निधन के बाद से समाजवादी पार्टी में शोक की लहर है। भगवती सिंह के निजी सचिव अजय सिंह ने बताया अपने जीवन काल में ही पूर्व मंत्री ने अपने शरीर का मेडिकल कॉलेज को दान कर दिया था।
भगवती सिंह समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह और शिवपाल सिंह के बेहद करीबी रहे हैं। उनके निधन की खबर फैलते ही प्रदेश में शोक की लहर फ़ैल गई है। उन्होंने मजदूरों और किसानों को उनका हक़ दिलाने के लिए कई बार आन्दोलन भी किया।
इनका जन्म बीकेटी विकास खंड के अर्जुनपुर गांव जो सीतापुर रोड से लगा हुआ है, में हुआ था। उन्होंने डॉ राम मनोहर लोहिया और राजनारायण जैसी शख्सियतों के साथ बैठकर राजनीति सीखी थी।
उनके निधन पर अखिलेश यादव ने व्यक्त किया शोक: वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री व सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने समाजवादी पार्टी के संस्थापक सदस्य, पूर्व सांसद एवं पूर्व मंत्री भगवती सिंह के निधन पर दुखद व्यक्त किया।
उन्होंने अपने ट्वीटर हैंडल पर लिखा- ‘शोकाकुल परिजनों के प्रति संवेदना! ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति एवं शोक संतप्त परिजनों को इस दुख की घड़ी में संबल प्रदान करे। भावभीनी श्रद्धांजलि!’
बताया जाता है कि कई मौकों पर मुलायम अक्सर उनके साथ जेल में बिताए दिनों की चर्चा करते थे। वे कहते थे कि जेल में भगवती सिंह लाई चना खाकर अपना पेट पालते थे। पार्टी के वरिष्ठ नेता होने के तौर पर उनकी काफी हैसियत भी थी। लेकिन, पार्टी में अखिलेश-शिवपाल विवाद के बाद से उनका पार्टी के कार्यक्रमों में आना और लाइम लाइट में रहना भी कम कर दिया था
वो पहली बार महोना से 1977 में निर्दलीय चुनाव जीते जिसकी वजह से उन्हें राम नरेश यादव की सरकार में आवास विकास मंत्री जैसा अहम पद मिला. इसके बाद 1985 में विधायक, 1990 में कैबिनेट में खेलकूद युवा कल्याण मंत्री, 1990 में सदस्य विधान परिषद, 1993 में वन मंत्री, 1998 में पुन: सदस्य विधान परिषद, 2003 में बाह्य सहायतित परियोजना मंत्री, तथा नेता सदन बने, वर्ष 2004 में राज्यसभा सदस्य बनाये गए।
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उन्होंने बख्शी का तालाब तहसील की स्थापना कराई गई। उच्च शिक्षा के क्षेत्र में उन्होंने चंद्र भानु गुप्ता कृषि महाविद्यालय की स्थापना भी की। यही नहीं पौराणिक तीर्थ स्थल चंद्रिका देवी मंदिर का विकास कार्य में उनका अहम् योगदान दिया।