धीरेन्द्र अस्थाना
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजनीति में 2022 विधानसभा चुनाव बेहद अहम भूमिका निभाने वाला है। एक तरफ जहां सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ की अग्नि परीक्षा होगी। क्योंकि प्रदेश के मुख्यमंत्री होने के नाते संभव है कि बीजेपी योगी आदित्यनाथ के चेहरे को आगे कर चुनाव लड़े।
वहीं, दूसरी ओर कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी की राजनीतिक कौशल का भी परिणाम आएगा। साथ ही पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती के भविष्य का भी फैसला होगा।
इसके अलावा अपने पिता की विरासत को अभी तक पूरी तरह से संभाल नहीं पाए सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव पर भी सबकी निगाहें होंगी कि वो किस तरह प्रदेश की सत्ता पर दोबारा काबिज होते हैं।
जिस तरह से हाल के दिनों में बसपा समेत अलग-अलग दलों से बड़े नेता अपने समर्थकों के साथ समाजवादी पार्टी (सपा) में शामिल हुए हैं, उससे माना जा रहा है कि अखिलेश यादव काफी मजबूत हुए हैं। सपा में सबसे ज्यादा मायावती की पार्टी (बसपा) के नेता शामिल हुए हैं। सपा के खेमे में जाने वाले नेताओं में ताजा नाम रामप्रसाद चौधरी का है। ईस्ट यूपी के जानेमाने ओबीसी नेता को दो महीने पहले बसपा से बर्खास्त किया गया था।
उत्तर प्रदेश विधानसभा के पांच बार सदस्य रहे और पूर्वांचल के बड़े नेताओं में शुमार राम प्रसाद चौधरी सपा में अकेले शामिल नहीं हुए है, उनके साथ उनके समर्थकों बड़ी फौज ने भी सपा का दामन थाम लिया। बस्ती से ही पूर्व सांसद अरविंद चौधरी पूर्व विधायक दूधराम, राजेन्द्र चौधरी और नंदू चौधरी शामिल हुए।
इसके अलावा मोहनलालगंज से बसपा प्रत्याशी रहे सीएल वर्मा, पूर्व मंत्री रघुनाथ प्रसाद शंखवार, परशुराम निषाद (गोरखपुर), सुनील गौतम, मान सिंह पाल (जालौन) और उमेश पांडेय (मऊ) सपा से हाथ मिला चुके हैं। मुजफ्फरनगर से दो बार विधायक रहे अनिल कुमार भी अपने समर्थकों के साथ सपा में शामिल हो गए। अनिल कुमार दलित वर्ग से आते हैं। वह काफी समय से बसपा में थे।
सपा से जुड़े सूत्रों ने बताया कि आने वाले दिनों में कई अन्य बसपा नेता उनकी पार्टी में शामिल हो सकते हैं। अखिलेश यादव के करीबी नेता ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि पार्टी ने बसपा में जमीनी स्तर पर सक्रिय अलग-अलग जिलों के नेताओं को आकर्षित करने के लिए खास प्लान बनाया है। इससे समाजवादी पार्टी को राज्य में सत्तासीन बीजेपी को कड़ी चुनौती देने वाली मजबूत पार्टी की छवि बनाने में मदद मिलेगी।
सपा के सूत्रों ने बताया कि पार्टी नेतृत्व 2022 विधानसभा चुनाव से पहले जाति के आधार पर गठबंधन करने के पक्ष में है। सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव इसे लेकर पहले ही कई संकेत दे चुके हैं। आंबेडकर जयंती पर राज्य स्तर पर भव्य आयोजन करने का उनका हालिया फैसला इसी दिशा में है।
बताया जा रहा है कि अखिलेश का रामकरन निर्मल को लोहिया वाहिनी और अरविंद गिरि को युवजन सभा सभा का अध्यक्ष बनाने का फैसला 2022 विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी की जाति आधारित गठबंधन नीतियों का संकेत देता है।
गौरतलब है कि कुछ दिनों पहले सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने एक बयान में कहा था कि अभी दूसरे दलों के कई बड़े नेता सपा में शामिल होंगे। इसके कुछ दिन बाद ही कभी योगी आदित्यनाथ के करीबी रहे हिंदू युवा वाहिनी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुनील सिंह समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए। जिस तरह से सपा में दूसरे दल के नेताओं वो भी पिछड़े वर्ग से आने वाले चेहरों ने अपना भरोसा दिखाया है, उससे बीजेपी के लिए चिंता का बढ़ना स्वाभाविक है। बीजेपी इसीलिए पहले ही एक्टिव मोड में आ गई है, जिससे प्रदेश में संगठन को मजबूत कर सके।
इसलिए बीजेपी ने अपने संगठन को और मजबूत करने की तैयारियों में जुट गई है। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने 11 जिलों के बीजेपी जिलाध्यक्षों के नामों की घोषणा की है। बीजेपी की तैयारी राज्य में संगठन को और मजबूत करने की है।
सूत्रों का दावा है कि भारतीय जनता पार्टी ने संगठनात्मक बदलाव स्थानीय कार्यकर्ताओं की सक्रियता के आधार पर किया है। इसलिए इस बदलाव में जातीय गणित का भी विशेष ख्याल रखा गया है। बीजेपी की नई लिस्ट में पश्चिम, ब्रज, कानपुर, अवध और काशी क्षेत्र में बंटवारा किया गया है। जिलाध्यक्षों के साथ-साथ स्थानीय स्तर पर और भी नेताओं के पदों में बदलाव की बात सामने आ सकती है।
बीजेपी ने मुरादाबाद जिले की जिम्मेदारी राजपाल सिंह चौहान को सौंपी है। वहीं अलीगढ़ की जिम्मेदारी विवेक सारस्वत को मिली है। बांदा जिलाध्यक्ष रामकेश निषाद को बनाया गया है। झांसी जिले की जिम्मेदारी जमुना कुशवाहा को दी गई है। ललितपुर की कमान जगदीश लोधी को दी गई है, वहीं फतेहपुर की जिम्मेदारी आशीष मिश्रा को दी है।
अयोध्या का जिलाध्यक्ष संजीव सिंह को बनाया गया है, सुल्तानपुर की जिम्मेदारी आरए वर्मा को दी गई है। अमेठी के जिलाध्यक्ष दुर्गेश त्रिपाठी बनाए गए हैं, वहीं अभिमन्यु सिंह को चंदौली का जिलाध्यक्ष बनाया गया है। प्रतापगढ़ का जिलाध्यक्ष हरिओम मिश्रा को बनाया गया है।