स्पेशल डेस्क
मुख्य चिकित्सा अधिकारी सहारनपुर के अधीन सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र देवबंद में एनएचएम के अंतर्गत संविदा पर डॉक्टर राजेश शर्मा की तैनाती 2018 में हुई थी। नोडल अधिकारी डॉक्टर ए के त्रिपाठी ने बताया कि प्रथम दृष्टया यह हाई लेवल के करेप्शन का मामला समझ में आया। डॉ. राजेश शर्मा पहले “राजेश आर “के नाम से जाना जाता था, बाद में उसने कोर्ट में एफिडेविट दिया कि अब मेरा नाम “राजेश शर्मा पढा़ जाय ।
जुबिली पोस्ट ने इस फर्जी डॉक्टर के काले चिट्ठे को बेनकाब किया है। पुलिस को जब पता चला कि डॉ राजेश शर्मा असल में फर्जी डिग्री के सहारे पूरा खेल किया है तो उसे गिरफ्तार किया।
एमबीबीएस की डिग्री में भी खेल
कर्नाटक के मैसूर यूनिवर्सिटी से एमबीबीएस की डिग्री राजेश आर के नाम से लेना दिखाया था । इसके साथ ही साथ मैसूर का हाईस्कूल और इंटर का सर्टीफिकेट भी प्रस्तुत कर दिया । राजेश शर्मा ने मेडिकल कौंसिल आफ इंडिया में इन्हीं कागजात के बल पर रजिस्ट्रेशन भी करा लिया।
चलाता था फर्जी तरीके से नर्सिंग होम
साल 2008-09 में सहारनपुर के नांगल में एक क्लीनिक खोली थी और सी एम ओ कार्यालय से पंजीकरण भी प्राप्त कर लिया था। साल 2018 में देवबंद में इसने शिवम नर्सिंग होम के नाम से प्राइवेट नर्सिंग होम खोला और फिर 2018 में ही एनएचएम में संविदा के आधार पर चिकित्सक की नौकरी भी इन्हीं फर्जी कागजों के आधार पर पाने में सफल हो गया।
राजेश आर के नाम पर डी एन बी और सर्जन ऑफ कौन्सिल का डिप्लोमा ले लिया था। प्राथमिक जांच में यह पाया गया है कि मैसूर में बेंगलुरु में डॉ. राजेश आर के नाम से एक चिकित्सक कार्यरत हैं और यह उन्हीं के नाम का इस्तेमाल करके अपनी फोटो लगाकर उनके डिग्री को अपना बताकर डाक्टर बन गया।
पोल कैसे खुली
सीएमओ सहारनपुर बताते हैं कि करीब बीस साल पहले डॉ. खुराना के साथ मिलकर यह डॉक्टरी करता था।बाद में इस ने अपना अलग नर्सिंग होम खोल लिया।
इसने डॉ.खुराना से रंगदारी मांगी ,डॉ.खुराना ने इसकी सूचना पुलिस को दी और बताया कि इसकी डिग्री फर्जी है तब पुलिस ने बंगलुरू जाकर गहनता से 14 दिनों तक जांच की और पाया कि इसकी डिग्री बंगलुरू के डॉ राजेश आर के नाम की है बस फोटो इसने अपनी लगा रखी है।
कागजों के फर्जी पाए जाने के आधार पर पुलिस ने धारा 420के अंतर्गत उसको गिरफ्तार भी कर लिया गया है।एन एच एम से भी इसकी संविदा समाप्त कर दी गयी है। जानकारी के अनुसार राजेश शर्मा की पत्नी डॉ. सत्या पटना में स्त्री रोग विशेषज्ञ है,अब वह भी संदेह के घेरे में है।