Tuesday - 29 October 2024 - 1:54 PM

सहारा : खतरे में है चार करोड़ लोगों के हजारों करोड़ रुपए

  •  सरकार ने बताया गड़बड़, जमा लेने पर रोक

जुबिली न्यूज डेस्क

एक बार फिर सहारा ग्रुप खतरे में हैं। जाहिर है जब सहारा खतरे में है तो उसके उपभोक्ता भी खतरे में होंगे। जी हां, बताया जा रहा है कि सहारा के चार करोड़ लोगों का हजारों करोड़ों रुपए खतरे में पड़ गया है।

सहारा ग्रुप ने साल 2012 और 2014 के बीच तीन सहकारी समितियों को शुरु किया था जिसमें चार करोड़ जमाकर्ताओं से 86,673 करोड़ रुपए जमा किए। उसी दौरान उच्चतम न्यायालय ने ग्रुप की दो कंपनियों को दोषी ठहराया था और इसके प्रमुख सुब्रत रॉय को गिरफ्तार कर लिया गया।

यह भी पढ़ें : कफील के बाद अखिलेश किसकी चाहते हैं रिहाई

यह भी पढ़ें : आखिर भारत और चीन के बीच चल क्या रहा है ?

अब इन्हीं चार करोड़ उपभोक्ताओं के पैसे पर खतरा मंडरा रहा है। दरअसल सरकार ने इन सहकारी समितियों पर अंगुली उठाई है। इसमें साल 2010 में स्थापित हुई नई सहकारी समिति भी शामिल हैं।

द इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक सरकार इन समितियों में अत्यधिक संदिग्ध अनियमितताओं की मामले की जांच करेगी जिससे जमाकर्ताओं के पैसों पर गंभीर जोखिम बना हुआ है।

रेगुलेटर्स ने बताया कि जमा किए धन में से 62,643 करोड़ रुपए महाराष्ट्र में लोनावाला में एंबी वैली प्रोजेक्ट में निवेश किए गए। ये यही प्रोजेक्ट है जिस पर साल 2017 में सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी और जमाकर्ताओं के पैसा चुकाने के लिए इसकी नीलामी की कई नाकाम कोशिश के बाद इसे साल 2019 में रिलीज कर दिया गया।

सरकार अनियमितताओं के मामले में जिन चार समितियों की जांच करेगी उनमें सहारा क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड (2010 में स्थापित), हमारा इंडिया क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड, सहारयन यूनिवर्सल मल्टीपरपज सोसायटी लिमिटेड और स्टार्स मल्टीपरपज कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड शामिल हैं।

एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक 18 अगस्त को कृषि मंत्रालय में संयुक्त सचिव विवेक अग्रवाल (जो कि सहकारी समितियों के केंद्रीय पंजीयक भी हैं) ने मिनिस्ट्री ऑफ कॉर्पोरेट अफेयर्स (एमसीए) को सीरियस फ्रॉड इन्वेस्टिगेशन ऑफिस  द्वारा सहारा समूह की जांच के लिए एक पत्र लिखा।

यह भी पढ़ें :  भाजपा पर इतनी मेहरबान क्यों है फेसबुक?

यह भी पढ़ें : कितना खतरनाक है GDP का 23.9 फीसदी गिरना?

यह भी पढ़ें : प्राइवेट स्कूल फीस: केजरीवाल सरकार ने क्या फैसला लिया?

दरअसल रजिस्ट्रार रिकॉर्ड से पता चला है कि सहारा क्रेडिट कोऑपरेटिव ने करीब चार करोड़ जमाकर्ताओं से 47,254 करोड़ रुपए जमा किए, और 28,170 करोड़ रुपए एंबी वैली प्रोजेक्ट में निवेश किए।

सहारयन यूनिवर्सल ने करीब 3.71 करोड़ सदस्यों से करीब 18,000 करोड़ रुपए जमा किए और 17,945 करोड़ रुपए निवेश किए। हमारा इंडिया ने 1.8 करोड़ सदस्यों से 12,958 करोड़ रुपए जमा किए और 19,255 करोड़ रुपए निवेश किए। इसके अलावा स्टार्स मल्टीपरपज 37 लाख सदस्यों से 8,470 करोड़ रुपए जमा किए और 6,273 करोड़ रुपए एंबी वैली में निवेश किए।

एमसीए को भेजे पत्र में अग्रवाल ने कहा कि इन चार समितिओं से एंबी वैली लिमिटेड के शेयरों में लेनदेन से लाभ का खुलासा होता है। उन्होंने बताया कि ये समितियां शेयरों की बिक्री से आय दिखाती हैं जबकि इस तरह के स्थानांतरण सिर्फ ग्रुप संस्थाओं के भीतर हुई हैं। इधर रजिस्ट्रार ने इस समितियों पर लोगों के पैसे जमा करने पर रोक लगा दी है।

Radio_Prabhat
English

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com