प्रीति सिंह
बीजेपी अपने मंतव्य में कामयाब होती दिख रही है। साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को बीजेपी का साथ मिलते ही राजनीति का चेहरा भी बदलने लगा है। साध्वी पर सियासत गर्म है और आने वाले समय में और गर्म होगी। साध्वी जीत के लिए आक्रामक मुद्रा में आ गई हैं तो वहीं बीजेपी एक तीर से दो निशाने साध रही है। एक तरफ उसकी नजर मध्य प्रदेश में जीत की तरफ है तो दूसरी वह हिंदुत्व न सही हिंदू आतंकवाद के भरोसे देश में वोटों के धु्रवीकरण करना चाह रही है।
लोकसभा चुनाव का दो चरण का चुनाव खत्म हो चुका है। चुनाव अब रोचक मोड़ में आ गया है। हर पल सियासी समीकरण बदल रहा है। बीजेपी के पास जो मुद्दे हैं वह मतदाताओं को लुभाने के लिए काफी नहीं है, यह बीजेपी भी अच्छे से समझ रही है।
बीजेपी पूरे देश में अपने लिए माहौल बनाने में जुटी हुई है। वह लगातार ऐसे मौके भी तलाश रही है, जिससे चुनाव में उसे फायदा हो। एयर स्ट्राइक के बाद बीजेपी ने देश में जिस तरह देशभक्ति का माहौल बनाया और उसे भुनाया, उससे बीजेपी अपने लिए माहौल बनाने में कामयाब हो गई थी। लेकिन सपा-बसपा गठबंधन और प्रियंका गांधी की सक्रिय राजनीति में आने से बीजेपी का समीकरण बदल गया।
उत्तर प्रदेश से बीजेपी को सबसे ज्यादा उम्मीदें थी और यहीं बीजेपी को सबसे ज्यादा चुनौती भी मिल रही है। हिंदुत्व के नाम पर वोटों का ध्रुवीकरण भी उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान जैसे हिंदी भाषी राज्यों में ज्यादा होता है।
साध्वी के सहारे हिंदुत्व को फिर जिंदा करने की कोशिश
इतिहास गवाह है कि बीजेपी ने जितना भी चुनाव लड़ा हैं हिंदुत्व के भरोसे लड़ा है। राम मंदिर और बीजेपी तो एक दूसरे के पर्याय ही है। हर चुनाव में राम मंदिर बीजेपी के लिए मददगार साबित हुई लेकिन इस चुनाव में होती नहीं दिख रही। हालांकि बीजेपी ने अपने मेनिफेस्टों में राम मंदिर निर्माण का जिक्र किया है लेकिन उसका असर कारगर नहीं दिख रहा। बीजेपी ये अच्छे से समझ रही है और इसीलिए वह ऐसे मौके की तलाश में भी थी जिससे वह एक बार फिर अपने पुराने मुद्दे को जिंदा कर सके।
मालेगांव ब्लास्ट मामले में आरोपी साध्वी प्रज्ञा सिंह के चुनाव लडऩे के ऐलान के बाद बीजेपी को बैठे-बिठाए मौका मिल गया। बीजेपी ने झट से साध्वी को पार्टी ज्वाइन करा दिया और टिकट भी दे दिया।
साध्वी प्रज्ञा भी टिकट मिलते ही हिंदुत्व का मुद्दा उठाने लगी। भगवा कभी आतंकवादी नहीं हो सकता जैसे बयान वह लगातार दे रही हैं। बीजेपी भी उनके बचाव में जमकर बोल रही है। कुल मिलाकर बीजेपी मध्य प्रदेश के साथ-साथ अन्य हिंदी भाषी राज्यों में हिंदुत्व आतंकवाद के भरोसे वोटों के धु्रवीकरण के फिराक में है।