जुबिली न्यूज़ डेस्क
लखनऊ. ग्रेटर नोयडा विकास प्राधिकरण के 15 अफसरों और कर्मचारियों की बर्खास्तगी की प्रक्रिया शुरू हो गई है. शासन ने इन नियुक्तियों को फर्जी नियुक्ति मानते हुए अपनी कार्रवाई शुरू कर दी है. सम्बंधित अफसरों और कर्मचारियों को नोटिस जारी कर दिए गए हैं.
जानकारी के अनुसार वर्ष 2002- 03 में ग्रेटर नोयडा विकास प्राधिकरण में 58 कर्मचारियों और अधिकारियों की नियुक्तियां नियमों को दरकिनार करते हुए की गई थीं. दादरी से बीजेपी विधायक नवाब सिंह नागर ने इन नियुक्तियों का मामला विधानसभा में उठाया था. जांच में यह नियुक्तियां अवैध पाई गई थीं लेकिन कार्रवाई के नाम पर कुछ भी नहीं हुआ.
बाद में विधानसभा की आश्वासन समिति ने जांच की. इस जांच में भी नियुक्तियां अवैध पाई गईं. जांच में पता चला कि जाति प्रमाण पत्र दूसरे राज्यों से बनवाकर लगाये गए थे. कुछ ऐसे लोगों की नियुक्तियां भी की गईं थीं जो प्राधिकरण में संविदा पर काम कर रहे थे. उनकी डिग्रियां फर्जी पाई गईं.
वर्ष 2018- 19 में यूपी सरकार ने ग्रेटर नोयडा प्राधिकरण से रिपोर्ट माँगी तो पता चला कि प्राधिकरण केवल चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को ही बर्खास्त कर सकता है जबकि जिन्हें हटाया जाना है उसमें क्लर्क से लेकर मैनेजर स्तर के लोग हैं.
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सरकार की तरफ से सभी को नोटिस जारी कर दिया गया है. जवाब मिलने के बाद सरकार बर्खास्तगी की कार्रवाई शुरू करेगी. जानकारी के अनुसार नोटिस मिलने के बाद कई अधिकारी और कर्मचारी नोटिस का जवाब तैयार कराने के लिए वकीलों की मदद ले रहे हैं तो कुछ ने अदालत का दरवाज़ा खटखटाने का फैसला किया है.