सुरेन्द्र दुबे
राजस्थान में पिछले काफी समय से सियासी घमासान जारी है। भाजपा का संकल्प है कि हर प्रदेश में उनकी ही सरकार होनी चाहिए इसलिए उसने राजस्थान में भी ऑपरेशन लोटस चला दिया। वैसे तो कमल का फूल देवी देवताओं की पूजा में सर्वाधिक इस्तेमाल किया जाता है। ब्रम्हा व विष्णु जी तो इसके ही आसान पर विराजते हैं। दीपावली में लक्ष्मी जी को प्रसन्न करने के लिए कमल का पुष्प अर्पित किया जाता है। इसलिए कमल के पुष्प का शास्त्रों में बड़ा महत्व बताया गया है। हो सकता है किसी शास्त्र में इसका वर्णन हो कि ऑपरेशन लोटस नामक कोई शस्त्र हो जिसे भाजपा अभी तक छिपाए हो।
भाजपा के राज में इस देश के लोगों को पहली बार पता चला कि कमल के पुष्प का पूजा पाठ के अलावा सरकारों को गिराने, विधायकों को करोड़ों रुपए में खरीदने और इनकम टैक्स डिपार्टमेंट जैसी सरकारी एजेंसियों के बल पर विरोधियों को नेस्तनाबूद करने के भी काम आता है। खैर जो भी हो इस महामारी में भाजपा को लगा कि लगे हाथ राजस्थान सरकार को गिराकर अपनी सरकार बना ली जाय। ठीक भी है।
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अर्थव्यवस्था सुधार नहीं सकते, बेरोजगारों को रोजगार दे नहीं सकते, महामारी से लड़ नहीं सकते। पर कुछ न कुछ तो करना ही चाहिए। वो सरकार ही क्या जो हाथ पर हाथ धरे बैठी रहे। सो अपना प्रिय खेल ऑपरेशन लोटस शुरू कर दिया। इस खेल के चक्कर में तो 24 मार्च तक तालाबंदी नहीं की, क्योंकि मध्य प्रदेश में कमलनाथ की सरकार गिराने में ज्यादा समय लग गया।
पहले से ही चौकन्ने अशोक गहलोत पर भी जब भाजपा ने ऑपरेशन कमल शुरू कर दिया तो अशोक गहलौत ने ऑपरेशन स्पेशल ग्रुप शुरू कर दिया। भाजपाइयों को यह अहसास नहीं था कि उनकी तरह गहलौत भी सरकारी एजेंसियों का नंगनाच शुरू कर देंगे। कुछ लोग कह रहे है कि कांग्रेस को इस तरह पुलिस का दुरप्रयोग नहीं करना चाहिए। अब कोई उनसे पूछे कि जब 6 साल से नंगा नाच ही चल रहा है तो कांग्रेसियों से शास्त्रीय नृत्य की अपेक्षा क्यों जी रही है।
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सचिन पायलेट पता नहीं किस तुफैल में भाजपा से इश्क लड़ाने निकले। प्रेमिका तो मिली नहीं अपनी शादी शुदा बीबी से भी हाथ धो बैठे। वो भी एक नहीं दो बीवियों से। अब कह रहे हैं कि वो तो इश्क के चक्कर में पड़े ही नहीं। गहलोत घूम-घूम कर इंटरव्यू के जरिए इनकी बेवफाई के किस्से सुना रहे हैं। लुंज-पुंज कांग्रेस हाई कमान सचिन को घर वापस लाकर बीबी की डांट सुनने की सलाह दे रहा है, पर ससुर घर में घुसने देने को तैयार नहीं हैं। स्पीकर ने नोटिस दे दी तो कोर्ट पहुंच गए। कह रहे है उनकी कोई प्रेमिका नहीं है। पर उनके वकीलों को देखकर तो यही सच लगता है कि इश्क का चक्कर चल रहा है। स्पीकर तो ससुर का ही रिश्तेदार है इसलिए डरे हुए हैं।
पहली बार भाजपा को पता चला कि दूसरी पार्टी भी फाउल गेम खेल सकती है। अगर इनकम टैक्स व इडी दूसरे राज्यों में छापा डाल सकती हैं तो स्पेशल ग्रुप भी दूसरे राज्यों में छापा डाल सकते है सो कल मानेशर में जमकर हंगामा हुआ। अब दिल्ली भी पुलिस जा सकती है। यानी गहलौत ने बता दिया कि उन्हें भी फाउल के जरिए गेम जीतना आता है। पायलट बिल्कुल नौसिखिए साबित हुए। प्रेमिका मिली नहीं और एक नहीं बल्कि दो-दो बीवियों से हाथ धो बैठे।