जुबिली न्यूज डेस्क
भारत के विदेश मंत्री जयशंकर शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की बैठक में शामिल होने के लिए इस वक्त पाकिस्तान में हैं. जब से वो पाकिस्तान गए हैं काफी चर्चे में है. बता दे कि एससीओ सीएचजी की बैठक हर साल होती है और इसमें संगठन के व्यापार के साथ आर्थिक एजेंडा पर ध्यान दिया जाता है. विदेश मंत्री एस जयशंकर इस सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं. इस बीच विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने इस्लामाबाद में एससीओ परिषद के शासनाध्यक्षों की 23वीं बैठक को संबोधित किया.
आतंकवाद मुद्दे पर पाकिस्तान को घेरा
एस जयशंकर ने SCO शिखर सम्मेलन में पाकिस्तान को आतंकवाद और अलगावाद पर जमकर घेरा. उन्होंने कहा, आतंकवाद, अलगाववाद और कट्टरवाद से बचना होगा. बेहतर रिश्ते के लिए भरोसा जरूरी है. सबकी संप्रभुता का सम्मान करना जरूरी है. एससीओ शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा ऐसा कई बाधाएं हैं, जो डेवलपमेंट को प्रभावित करती है, जिसमें क्लाइमेट, सप्लाई चैन, वित्तीय अस्थिरता शामिल है.
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा, “एससीओ का सबसे पहला लक्ष्य आतंकवाद, अलगाववाद और उग्रवाद का मुकाबला करना है और यह वर्तमान समय में और भी महत्वपूर्ण हो गया है. एससीओ को इन तीन बुराइयों का मुकाबला करने में दृढ़ संकल्प लेना होगा.
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि सहयोग आपसी सम्मान और संप्रभु समानता पर आधारित होना चाहिए, क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता को मान्यता देनी चाहिए. इसे वास्तविक साझेदारी पर बनाया जाना चाहिए, न कि एकतरफा एजेंडे पर. अगर हम वैश्विक प्रथाओं, खासकर व्यापार को अपनी पसंद के हिसाब से चुनेंगे तो एससीओ प्रगति नहीं कर सकता है.
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पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने क्या कहा
इससे पहले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने इस्लामाबाद में SCO शिखर सम्मेलन के आयोजन स्थल पर विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर का स्वागत किया. उन्होंने साझा मुद्दों के समाधान के लिए एससीओ सदस्य देशों के बीच सहयोग के महत्व पर जोर दिया. उन्होंने क्षेत्र के भीतर स्थिरता और विकास को बढ़ावा देने के लिए भारत के समर्पण की बात दोहराई.