जुबिली न्यूज़ डेस्क
राज्यसभा में आज वो हुआ जों शायद किसी को नहीं पसंद आएगा । संसद के उच्च सदन में न सिर्फ रूल बुक फाड़ दी गई बल्कि उप सभापति का मायिक तोड़ने की भी कोशिस की गई । कृषि बिल पास होने की बहस के दौरान ये सब कुछ हुआ
तृणमूल कांग्रेस के सांसद डेरेक ओ ब्रायन इतने उत्तेजित हो गए कि उन्होंने संसद की रूल बुक ही फाड़ दी । सत्ता और विपक्ष के बहस का स्तर इतना नीचे गिर गया कि असंसदीय शब्दों को कार्यवाही से निकालना पड़ा । भाजपा के सदस्य भूपेन्द्र यादव तो उप सभापति के आसान तक पहुँच कर कान में कुछ कहते दिखाई दिए ।
लोकसभा में पिछले दिनों पारित होने के बाद कृषि से जुड़े दो विधेयक रविवार को राज्यसभा से भी पारित हो गए। ध्वनि मत के जरिए करवाई गई वोटिंग से पहले सदन में विपक्षी दलों ने भारी हंगामा किया और इन बिलों का जमकर विरोध किया।
इस दौरान संसद में कृषि बिल का समर्थन करने वाले और विरोध करने वाले नेताओं के बीच जिस तरह का अमर्यादित व्यवहार हुआ उससे एकबार फिर से संसद की गरिमा धूमिल हुई। हालांकि यह पहला मौका नहीं था जब देश की सर्वोच्च संसद में जनप्रतिनिधियों ने इस तरह का नजारा पेश किया हो।
वाईएसआर कांग्रेस के सांसद ने दिया विवादित बयान
सरकार द्वारा रविवार को राज्यसभा में तीन में से दो विवादास्पद कृषि विधेयकों को पेश करने के बाद उच्च सदन में उस समय हंगामा हुआ, जब वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के एक सदस्य ने कांग्रेस के लिए ‘दलाल’ शब्द का इस्तेमाल कर दिया।
यह भी पढ़ें : इस बिल के आने के बाद कर्मचारियों को निकालना होगा आसान
सदन में बोलते हुए वाईएसआरसीपी के सांसद वीवी रेड्डी ने कहा कि कांग्रेस के पास इन विधेयकों का विरोध करने का कोई कारण नहीं है। उन्होंने कांग्रेस को ‘दलालों की पार्टी’ कहा।
सांसदों ने रूल बुक फाड़ी-माइक तोड़ा
राज्यसभा में विपक्ष के सवालों का जब केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर जवाब दे रहे थे तभी मतविभाजन की मांग और सदन की कार्यवाही टालने की मांग नही मानने पर विपक्ष के सांसदों ने हंगामा किया।
सांसदों ने हंगामा उसभापति के फैसले पर किया। दरअसल, सदन की कार्यवाही 1 बजे पूरी होनी थी। उपसभापति ने कार्यवाही को विधेयक के पारित होने तक बढ़ाने का फैसला लिया। विपक्ष के सांसदों ने इसपर हंगामा शुरू कर दिया। सांसदों ने रूल बुक फाड़ दी और माइक को भी तोड़ दिया।
यह भी पढ़ें : टीएमसी सांसद ने पूछ लिया -कृषि विधेयक को कितने बीजेपी सांसदों ने पढा?
यह भी पढ़ें : यौन उत्पीड़न के लगे आरोप पर अनुराग कश्यप ने क्या कहा?