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नई दिल्ली। सार्वजनिक क्षेत्र (पीएसयू) के दूसरे सबसे बड़े बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा को मार्च, 2019 में समाप्त चौथी तिमाही के दौरान 991 करोड़ रुपये का घाटा हुआ। गत वर्ष की समान अवधि में बैंक को 3,102.34 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था। बैंक को अक्टूबर- दिसम्बर 2018 में 471.25 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ था।
बैंक ऑफ बड़ौदा ने नियामक आरबीआई को दी जानकारी में बताया कि वित्त वर्ष 2018-19 की चौथी तिमाही में प्रोविजनिंग बढ़ने से बैंक को स्टैंडअलोन बेसिस पर 991 करोड़ रुपये का घाटा हुआ।वित्त वर्ष 2018- 19 में बैंक का स्टैंडअलोन और कंसॉलिडेटेड मुनाफा 433 और 1,100 करोड़ रुपये रहा।
2018- 19 की मार्च तिमाही के दौरान बैंक की कुल इनकम बढ़कर 15,284.59 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गई, जबकि एक साल पहले समान तिमाही के दौरान यह आंकड़ा 12,735 करोड़ रुपये रहा था।
एसेट के मोर्चे पर बैंक का ग्रॉस एनपीए घटकर ग्रॉस एडवांस का 9.61 फीसदी रह गया, जबकि मार्च, 2018 तक यह 12.26 फीसदी था। नेट एनपीए 5.49 फीसदी से घटकर 3.33 फीसदी रह गया। बैंक ने कहा कि वैल्यू टर्म में नेट एनपीए 15,609 करोड़ रुपये से घटकर 3,521 करोड़ रुपये रह गया, जो पिछला 8 तिमाहियों में सबसे कम है।