जुबिली पोस्ट ब्यूरो
नई दिल्ली। सिंगल यूज प्लास्टिक के उपयोग को नकारते हुए रेलवे मिट्टी और टेराकोट्टा के बर्तनों में चाय, लस्सी और खान- पान की वस्तुएं परोसने के लिए आगे बढ़ चुका है। लिहाजा रेलवे स्टेशनों पर मिट्टी के कुल्हड़ में चाय की चुस्कियों का दौर लौट रहा है।
मिट्टी के बर्तन, गिलास और प्लेट में मिलेंगी चाय, लस्सी और खान-पान की वस्तुएं, देशभर में 400 स्टेशनों पर दो अक्टूबर से लाया जाएगा अमल में
फिलहाल रेलवे में देशभर के 400 प्रमुख स्टेशनों पर मिट्टी और टेराकोट्टा के बर्तनों को उपयोग में लाने की तैयारी कर ली गई है। इसके लिए रेलवे बोर्ड ने सभी जोनल रेलवे को इस बाबत परिपत्र भेजा था। इसके अनुपालन में जोनल रेलवे ने अपने प्रमुख स्टेशनों का चयन कर इसको लागू करने का फैसला कर लिया है।
दो अक्टूबर से चयनित स्टेशनों पर मिट्टी के बर्तनों में ही खान-पान की वस्तुएं मिलेंगी। दरअसल, रेलवे ने दो अक्टूबर से सिंगल यूज प्लास्टिक को ट्रेनों और स्टेशनों से उपयोग को दूर करने फैसला पहले ही कर लिया है।
स्टेशनों से चाय के लिए प्लास्टिक कप, स्ट्रा, प्लेट, गिलास आदि की जगह कागजों के बने उत्पादों को इस्तेमाल करने का सिलसिला शुरू कर दिया गया है। सिंगल प्लास्टिक यूज का उपयोग यात्री न करें, इसके लिए रेलवे परिसरों में जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। साथ ही प्लास्टिक कचरा समेटने के लिए भी निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं, ताकि रेलवे स्टेशन पूरी तरह से प्लास्टिक मुक्त हो सकें।
सूत्रों के अनुसार रेल मंत्रालय के पहल के बाद जोनल रेलवे अपने यहां प्रमुख स्टेशनों को किसी भी तरह का प्लास्टिक उपयोग न करने के लिए चिह्नित किया है, जहां मिट्टी या टेराकोट्टा के बने बर्तनों में ही चाय, लस्सी और खान-पान की वस्तुएं परोसी जाएंगी। दिल्ली के नई दिल्ली, पुरानी दिल्ली, हजरत निजामुद्दीन, आनंद विहार और सराय रोहिल्ला पर मिट्टी के बर्तन में खान-पान की वस्तुएं दी जाएंगी।
यूपी के इन स्टेशन में मिलेगी सुविधा
उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद, मुरादाबाद, लखनऊ, अमेठी, सुल्तानपुर, वाराणसी, उत्तराखंड के देहरादून व हरिद्वार स्टेशनों पर भी यह व्यवस्था लागू होगी। इसके अलावा जम्मू, कटरा, जालंधर सिटी, लुधियाना, पठानकोट, फिरोजपुर कैंट, अमृतसर, अंबाला कैंट, कालका, शिमला, ऊना और चंडीगढ़ स्टेशनों पर दो अक्टूबर से यह व्यवस्था लागू रहेगी।