जुबिली न्यूज़ ब्यूरो
लखनऊ. समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोकदल के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर अंतिम बातचीत के लिए राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष जयंत चौधरी बृहस्पतिवार को लखनऊ पहुँच गए हैं. वह यहां सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव से मुलाक़ात करेंगे. दोनों दलों के बीच 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर पहले ही गठबंधन हो चुका है.
अखिलेश यादव और जयंत चौधरी के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर पहले भी बातचीत हो चुकी है. समाजवादी पार्टी राष्ट्रीय लोकदल को 28 सीटें देने को सहमत भी हो चुकी है लेकिन राष्ट्रीय लोकदल अपने पक्ष में 28 की संख्या को बढ़ाकर 40 करना चाहता है.
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में चौधरी अजित सिंह को काफी जनसमर्थन मिलता रहा है. अजित सिंह के निधन के बाद उनकी विरासत को संभालना जयंत चौधरी के लिए एक बड़ी चुनौती है. हालांकि किसान आन्दोलन में जयंत के लगातार सक्रिय रहने की वजह से उनकी लोकप्रियता पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बढ़ी है. इस लोकप्रियता को वोटों में बदलने के लिए जयंत चौधरी को समाजवादी पार्टी के साथ की भी ज़रूरत है. यही वजह है कि उन्होंने समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन किया है. समाजवादी पार्टी के साथ खड़े होकर राष्ट्रीय लोकदल को जाट, सिक्ख और मुस्लिम मतदाताओं का भरपूर समर्थन हासिल हो सकता है.
राष्ट्रीय लोकदल इस चुनाव से पहले के चुनावों में अकेले भी किस्मत आज़मा चुकी है और भारतीय जनता पार्टी के साथ भी गठबंधन कर चुकी है लेकिन उसे उसका उतना फायदा नहीं मिला जितना वह सोचकर चल रही थी. इसी वजह से उसने समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन का फैसला किया क्योंकि चौधरी चरण सिंह और मुलायम सिंह यादव के रिश्तों को पश्चिमी उत्तर प्रदेश अच्छी तरह से समझता है. रालोद और समाजवादी पार्टी दोनों के पास ही किसानों का बड़ा वोटबैंक है. किसान आन्दोलन के बाद किसान सपा और रालोद के करीब भी आया है.
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