जुबिली स्पेशल डेस्क
पटना। बिहार में राजनीतिक सरगर्मी लगातार बढ़ा रही है। दरअसल वहां पर तेजस्वी यादव ने लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के नेता चिराग पासवान को अपनी तरह लेने के लिए बड़ा दांव चला है।
जानकारी मिल रही है कि लालू की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल 5 जुलाई को रामविलास पासवान की जयंती मनाने की तैयारी में है। रोचक बात यह है कि पांच जुलाई को राजद का स्थापना दिवस भी है।
ऐसे में राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) नेता तेजस्वी यादव की ये कोशिश क्या रंग लाती है, इसपर सबकी नजरे होगी। तेजस्वी ने पहले चिराग को साथ आने का प्रस्ताव दिया था ।
दिवंगत सांसद की जयंती मनाने का यह निर्णय गुरुवार को राजद कार्यालय में नेता प्रतिपक्ष की मौजूदगी में हुई पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की बैठक में फैसला किया। इससे पूर्व बुधवार को पटना पहुंचते ही तेजस्वी यादव ने यह कहते हुए चिराग को साथ आने का आमंत्रण दिया था कि वो तय करें कि अब उन्हें किधर रहना है। बिहार वापसी के साथ ही नेता प्रतिपक्ष सक्रिय हो गए हैं।
बता दें कि इस समय लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) में रार चल रही है। लोक जनशक्ति पार्टी में दरार आ है। दरअसल चाचा और भतीजे की रार चरम पर जा पहुंची है। इसका नतीजा यह रहा कि चाचा पशुपति कुमार पारस ने अपनी अलग राह चुन ली थी और अपना अलग गुट बना लिया था जबकि अपने भतीजे चिराग पासवान को अलग-थगल करने में भी कोई कसर नहीं छोड़ी है।
दोनों ही गुट अपने-अपने हिसाब से पार्टी पर अपना नियंत्रण करना चाहते हैं। चाचा पशुपति कुमार पारस के नेतृत्व वाले गुट ने चिराग को पार्टी अध्यक्ष पद से हटाया तो चिराग ने कड़ा एक्शन लेते हुए बतौर लोक जनशक्ति के अध्यक्ष की हैसियत से बागी पांच सांसदों को पार्टी से निकाल बाहर कर दिया था।
ऐसे में दोनों एक दूसरे खिलाफ कड़े तेवर दिखा रहे हैं और पार्टी पर अपना हक जता रहे हैं। ऐसे में अब देखना होगा कि आखिर किसकी लोकजनशक्ति पार्टी है। दोनों धड़े पार्टी पर अपने नियंत्रण का दावा कर रहे हैं, ऐसे में मामला निर्वाचन आयोग तक पहुंचने के आसार हैं।
लोक जनशक्ति पार्टी पूरी तरह से टूट चुकी है। चाचा पशुपति कुमार पारस ने अपने भतीजे चिराग पासवन को पूरी तरह से किनारे कर दिया है और पार्टी पर कब्जा करने की कोशिशें भी शुरू कर दी है लेकिन चिराग पासवन ने अभी हिम्मत नहीं हारी है और पार्टी को एकजुट करने के लिए पूरा जोर लगा दिया है।