जुबिली स्पेशल डेस्क
नई दिल्ली। पूरी दुनिया इस समय कोरोना के कहर से जूझ रही है। हालांकि कोरोना अब पहले के मुकाबले जरूर कमजोर हुआ लेकिन खतरा अभी टला नहीं है।
उधर रूस ने ‘वेस्ट नाइल वायरस” बीमारी को लेकर कड़ी चेतावनी दी है। ऐसे में सवाल उठता है आखिर ‘वेस्ट नाइल वायरस’ बीमारी आखिर क्या है और ये कैसे फैलती है जिसको लेकर रूस चेतावनी दे रहा है।
बताया जा रहा है कि क्लाइमेट चेंज यानी जलवायु परिवर्तन की वजह से होने वाले तापमान के बदलाव की वजह से ये बीमारी मच्छरों के माध्यम लोगों तक पहुंच सकती है।
अगर मामला गम्भीर स्थिति में पहुंचता है तो दिमागी बुखार यानी इनसेफलाइटिस या फिर मेनिनजाइटिस होने का खतरा बढ़ सकता है। बताया जा रहा है कि बारिश के मौसम में इस बीमारी का खतरा ज्यादा है क्योंकि इस मौसम में मच्छरों के पनपने का आसार ज्यादा रहता है। इस वजह से यह बीमारी फैल सकती है।
रूस के कंज्यूमर हेल्थ वॉचडॉग Rospotrebnadzor की माने तो मौजूदा समय में वेस्ट नाइल वायरस का फैल सकता है क्योंकि इस समय हालात इसके अनुकूल है।
बता दें कि अमेरिका हो, यूरोप हो, चीन और अन्य देशों में इस समय बारिश हुई है। रूस में वेस्ट नाइल वायरस के 80 प्रतिशत मामले दक्षिण-पश्चिम इलाके में सामने आते नजर आ रहे हैं।
- मच्छरों से होने वाली बीमारियों में से 20 फीसदी केस इसके सामने आते हैं
- जिन लोगों को WNV का संक्रमण होता है,उन्हें बुखार, सिरदर्द, बदन दर्द, त्वचा पर चकत्ते और लिंफ नोड्स के सूजने की दिक्कत आती है
- ये लक्षण कुछ दिन या कुछ हफ्तों तक दिखाई पड़ सकते हैं
जानकारी के मुताबिक वायरस को क्यूलेक्स मच्छर लेकर आते हैं। सबसे जरूरी और अहम बात यह है कि अगर स्थिति गम्भीर होती है तो इंसान को दिमाग संबंधी बीमारियां पैदा हो सकती है। कहा जा रहा है कि इसमें दिमागी बुखार से इंसान की जान तक जा सकती है। उसे इनसेफलाइटिस या मेनिनजाइटिस भी हो सकता है।