जुबिली न्यूज़ डेस्क
मुंबई पुलिस ने टीआरपी रेटिंग में हेराफेरी करने वाले एक रैकेट का भंड़ाफोड़ किया है। जिससे बाद पुलिस ने रिपब्लिक चैनल समेत 3 चैनलों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए जांच शुरू कर दी है। इस संबंध में मुंबई पुलिस कमिश्ननर परमवीर सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेस कर डीटेल साझा की हैं। टीआरपी के हेराफेरी के मामले में अब तक 2 गिरफ्तारी भी की गईं हैं।
मुंबई पुलिस ने कहा है कि टीवी रेटिंग के ‘हेरफेर’ को लेकर रिपब्लिक टीवी सहित तीन चैनलों की जांच की जा रही है। मुंबई के पुलिस कमिश्नर परमवीर सिंह ने यह जानकारी दी। इस मामले में दो लोगों को अरेस्ट किया गया है। इसमें से एक रेटिंग को आंकने के लिए ‘पीपल मीटर’ लगाने वाली एक एजेंसी का पूर्व कर्मचारी भी है। उन्होंने कहा कि रिपब्लिक टीवी के अधिकारियों, जो न्यूज चैनल्स में सर्वोच्च टेलीविजन रेटिंग प्वाइंट्स (TRP) का दावा कर रहे है, को आज या कल समन किया जाएगा।
पुलिस कमिश्नर सिंह ने कहा कि चैनल से जुड़े किसी भी व्यक्ति, चाहे वह कितने भी शीर्ष प्रबंधन से जुड़ा और सीनियर हो, से पूछताछ की जाएगी। यदि मामले में उनकी संलिप्तता है तो उनसे पूछताछ होगी। यदि किसी अपराध का खुलासा होता है कि अकाउंट को सीज किया जाएगा और अन्य कार्रवाई की जाएगी।
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मुंबई पुलिस के अनुसार, तफ्तीश, न्यूज ट्रेंड में जोड़तोड़/हेरफेर और झूठी कहानी किस तरह फैलाई जाती है, इसके विस्तृत विश्लेषण का हिस्सा है। मुंबई पुलिस के प्रमुख ने कहा कि चैनलों के बैंक अकाउंट्स की भी जांच की जाएगी, हम ये भी देख रहे हैं जो फर्जी TRP से विज्ञापन मिले थे वो पैसा अपराध का हिस्सा माना जाएगा या नही।
रिपब्लिक के एडिटर इन चीफ अर्नब गोस्वामी ने इस मामले पर कहा है कि मुंबई पुलिस कमिश्नर के खिलाफ वो कानूनी कार्रवाई करेंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस कमिश्नर इसलिए गलत आरोप लगा रहे हैं क्योंकि सुशांत सिंह राजपूत केस की जांच को लेकर हमने उनसे सवाल किये थे। अर्नब ने अपने बयान में कहा, उन्हें सार्वजनिक रूप से माफीनामा जारी करना चाहिए या फिर कोर्ट में हमारा सामना करने को तैयार रहें।’
ऐसे में अब सबसे बड़ा सवाल उठता है कि क्या टीआरपी रेटिंग में हेराफेरी संभव है या फिर यह भी कोई राजनीतिक साजिश है। गौरतलब है कि टीवी रेटिंग यानी टीआरपी में हेराफेरी को लेकर शिकायतें नई नहीं हैं, इससे पहले भी इसको लेकर सवाल उठते रहे हैं। कई बार किसी चुनिंदा चैनल को देखने के लिए घूसखोरी की शिकायतें भी सामने आई हैं।
हम आपको बता दें कि TRP से किसी भी कार्यक्रम या चैनल की लोकप्रियता जानने में मदद मिलती है। इसी के आधार पर विज्ञापन देने वाली कंपनी अपनी प्लानिंग करती है। इसलिए TRP का महत्व बहुत अधिक होता है।
TRP रेटिंग BARC द्वारा जारी होती है और इसको लेकर वैज्ञानिक तरीका अपनाया जाता है। टीआरपी के आकलन के लिए कुछ जगहों पर पीपल्स मीटर लगाए जाते हैं। पीपल्स मीटर की खास फ्रीक्वेंसी के जरिए एक निश्चित एरिया में रहने वाले लोगों की एक तय संख्या पर सर्वे किया जाता है कि कौन सा प्रोग्राम या चैनल कितनी बार और सबसे ज्यादा देखा जा रहा है। जिन दर्शकों पर सर्वे करके सैंपल लिया जाता है उनकी ही तरह अन्य सारे दर्शकों को मान लिया जाता है। अब अगर किसी ने मीटर प्वाइंट वाले से सांठगांठ कर ली तो फिर टीआरपी के आंकड़ों में फर्जीवाड़ा हो सकता है।
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