जुबिली न्यूज डेस्क
बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बीच विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहा। राज्यपाल धनखड़ ममता बनर्जी को घेरने का कोई मौका नहीं छोड़ते हैं।
ममता बनर्जी जब से सत्ता में आई हैं राज्य उनके खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं। कानून-व्यवस्था को लेकर वह लगातार ममता सरकार पर हमला कर रहे हैं।
इस बार उन्होंने ममता बनर्जी को लेकर एक खुलासा किया है। दरअसल कुछ दिनों पहले यास तूफान के बाद पीएम मोदी के साथ बैठक में ममता बनर्जी के देर से पहुंचने पर खूब विवाद हुआ था। इसी को लेकर गवर्नर ने एक खुलासा किया है।
इंडियन एक्सप्रेस के साथ बात करते हुए धनखड़ ने कहा कि ममता बनर्जी ने मुझे रात 11.16 बजे मैसेज किया और कहा प्रधानमंत्री से नहीं मिलूंगी। साथ ही राज्यपाल ने कहा कि सुबह एक मिनट में जो हुआ वो देख मैं हैरान रह गया था।
उन्होंने कहा कि 29 मई को अखबारों में खबर आई थी कि ममता बनर्जी की पीएम से आमने-सामने की बैठक हुई है, लेकिन ऐसी कोई बैठक नहीं हुई थी, जो हुआ वह एक मिनट से भी कम समय का था।
राज्यपाल ने कहा कि बैठक से एक दिन पहले रात 11.16 बजे मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मुझे मैसेज किया था कि मैं बैठक में शामिल नहीं होऊंगी… क्योंकि शुभेन्दु अधिकारी वहां हैं। मैंने उनसे कहा कि वह विपक्ष के नेता हैं।
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राज्पाल धनखड़ ने कहा कि अगली सुबह मैंने उन्हें फोन किया, कहा कि आप बहिष्कार न करें, यह बैठक हमारे लिए, संविधान के लिए, कानून के शासन के लिए, राज्य के लिए अच्छा होगा। राज्यपाल ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री के पद से समझौता नहीं किया जा सकता है।
वहीं दिल्ली में मानवाधिकार आयोग के प्रमुख से मुलाकात के मुद्दे पर राज्यपाल ने कहा कि मानवाधिकार के मुद्दे पश्चिम बंगाल राज्य के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि मैं जस्टिस (अरुण) मिश्रा को काफी दिनों से जानता हूं।
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मालूम हो कि पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बीच कई मुद्दों पर विवाद जारी है। हाल ही में राज्यपाल द्वारा ममता बनर्जी को लिखी एक चिट्ठी के सार्वजनिक हो जाने के बाद सूबे की राजनीति में नई हलचल पैदा हो गयी थी।
दरअसल, राज्यपाल ने एक चिट्ठी ममता सरकार को लिखी थी, लेकिन इसे मीडिया के लिए भी जारी कर दिया गया था। उसके बाद ये खत सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। इसमें धनखड़ ने सरकार से कहा था कि वो इस दिशा में जरूरी कदम उठाए।