Saturday - 19 April 2025 - 9:56 PM

रेशम सखी योजना: अब यूपी की महिलाएं बनेंगी उद्यमी, घर बैठे बढ़ेगी आमदनी!

जुबिली न्यूज डेस्क 

उत्तर प्रदेश सरकार की नई पहल ‘रेशम सखी योजना’ के जरिए अब प्रदेश की ग्रामीण महिलाओं के लिए स्वरोजगार का सुनहरा अवसर खुल रहा है। राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन और रेशम विभाग मिलकर इस योजना को लागू कर रहे हैं, जिसका मकसद है महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना और प्रदेश में रेशम उत्पादन को बढ़ावा देना। इस योजना के तहत महिलाएं घर बैठे रेशम कीट पालन कर सकेंगी और अपनी आमदनी में बढ़ोतरी कर पाएंगी।

5 साल में 50,000 महिलाओं को मिलेगा लाभ

सरकार का लक्ष्य है कि अगले पांच वर्षों में प्रदेश की 50,000 से अधिक महिलाओं को रेशम उत्पादन से जोड़ा जाए। इसके लिए महिलाओं को रेशम कीट पालन की पूरी ट्रेनिंग दी जा रही है, जिससे वे तकनीकी जानकारी हासिल कर इस क्षेत्र में सफलतापूर्वक कदम रख सकें।

योजना के तहत दो प्रकार के रेशम पालन सिखाए जा रहे हैं:

  • शहतूत रेशम (Mulberry Silk)

  • तसर रेशम (Tasar Silk)

हाल ही में इस योजना के तहत दो प्रशिक्षण यात्राएं भी करवाई गईं। एक टीम को कर्नाटक के मैसूर भेजा गया, जहां उन्होंने शहतूत रेशम पालन सीखा, जबकि दूसरी टीम झारखंड के रांची गई, जहां तसर रेशम पालन का व्यावहारिक प्रशिक्षण प्राप्त किया।

15 जिलों में विशेष फोकस, 7500 महिलाएं जुड़ेंगी

राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन की निदेशक दीपा रंजन के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2025-26 में 15 जिलों में योजना का सघन क्रियान्वयन होगा। इस दौरान 7500 महिलाओं को सीधे योजना से जोड़ा जाएगा। यह पहल न केवल महिलाओं की आर्थिक स्थिति मजबूत करेगी, बल्कि राज्य में रेशम उत्पादन को भी नई ऊंचाई पर ले जाएगी।

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महिलाओं की आय में होगा दोगुना इजाफा

रेशम सखी योजना से जुड़ने वाली महिलाओं की आय में उल्लेखनीय वृद्धि की उम्मीद है। रेशम कीट पालन जैसे घरेलू उद्योग से महिलाएं आत्मनिर्भर बनेंगी और प्रदेश की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी। इसके अलावा, यह योजना महिलाओं के लिए एक स्थायी और सम्मानजनक रोजगार का विकल्प तैयार करेगी।

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