जुबिली न्यूज डेस्क
यह खबर पढ़कर आपको थोड़ा अटपटा लगेगा कि किसी पुरुष का कुंवारा होना उसके लिए खतरे की बात है। कुंवारे लोगों में कोरोना का खतरा बढ़ रहा है।
जी हां, हाल ही में एक रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है। प्रतिष्ठित नेचर कम्युनिकेशन पत्रिका में एक प्रकाशित हुए एक रिचर्स रिपोर्ट के मुताबिक कुछ ऐसे अनजान कारक पता लगे हैं जिनसे किसी संक्रमित मरीज की मौत की संभावना बढ़ सकती है।
स्टॉकहोम विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने अपने अध्ययन में पाया है कि किसी व्यक्ति की कम आय, शिक्षा का निम्न स्तर, अविवाहित होना और विदेश में रहने जैसे कारकों से उसकी कोरोना से मौत का जोखिम बढ़ जाता है।
शोधार्थियों के मुताबिक इन वर्गों की खराब जीवनशैली उनकी सेहत पर असर डालती है जिससे खतरा बढ़ता है। साथ ही अकेले रहने वाले लोग दंपतियों की तुलना में कम सुरक्षित वातावरण में रहते हैं।
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इस रिपोर्ट से पहले तक यही जानकारी उपलब्ध थी कि यह वायरस उम्र और लिंग के हिसाब से हर व्यक्ति के लिए अलग तरह का जोखिम लाता है।
कम आय वाले पुरुषों में खतरा ज्यादा
इस अध्ययन के अग्रणी शोधकर्ता व समाजशास्त्री स्वेन डेफरल का कहना है कि कम आमदनी, कम शिक्षित पुरुषों में संक्रमण से जान जाने का खतरा ज्यादा था।
इसका कारण समझाते हुए डेफरल कहते हैं कि पुरुषों की जैविक बनावट और जीवनशैली के कारण उनके वायरस की जद में आने की संभावना अधिक होती है और जीवनशैली से जुड़े दूसरे कारक जैसे अविवाहित होना या कम आमदनी उनके खाने-पीने की आदतों पर असर डालते हैं।
कैसे किया अध्ययन
शोधकर्ताओं ने यह अध्ययन स्वीडन में संक्रमण से मरे 20 साल से अधिक उम्र के मृतकों के डाटा के आधार पर हुआ। मृतकों के सरकारी डाटा की तुलना उस सरकारी डाटा से की गई, जिसमें इन सभी के निवास स्थान, जन्म स्थान, वैवाहिक स्थिति, शिक्षा और आयु का विवरण था। इस आधार पर शोधकर्ताओं ने पाया कि जो लोग देश से बाहर किसी मध्यम या कम आय वाले देश में पैदा हुए थे, उनकी कोविड -19 के संक्रमण से ज्यादा मौत हुई। इसी तरह गरीब, अविवाहित और अशिक्षित लोगों की भी ज्यादा मौतें हुईं।
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