- फॉरेन पॉलिसी मैगजीन और 100Reporters में प्रकाशित हुई रिपोर्ट
- चीन ने अपने कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या बताई 82,919
- चीन में कोरोनो वायरस के हो सकते हैं 6,40,000 मामले
- रिपोर्ट में दावा- जितने बताए, उससे आठ गुना
न्यूज डेस्क
कोरोना वायरस ने दुनिया के अन्य देशों में पांव पसारना शुरु किया तो चीन पर आरोप भी लगना शुरु हो गया कि उसने जानबूझकर दुनिया भर में कोरोना को फैलाया है। साथ ही यह भी आरोप लगता आ रहा है कि चीन ने कोरोना संक्रमण के आंकड़ों को छुपाया है। अब तक अमेरिका और यूरोप के कई देश ऐसा आरोप लगा चुके हैं और अब एक फॉरेन पॉलिसी मैगजीन और 100Reporters में प्रकाशित हुई रिपोर्ट में चीन पर कोरोना के आंकड़े छिपाने का दावा किया गया है।
कोरोना वायरस को लेकर चीन शुरु से विवादों में हैं। आज दुनिया के अधिकांश देश कोरोना के संक्रमण से जूझ रहे हैं, तो वहीं चीन में जन-जीवन सामान्य हो गया है। वहां व्यापारिक गतिविधियां शुरु हो गई हैं और लोग काम पर लौट आए हैं।
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चीन में कोरोना संक्रमण के मामलों को लेकर फॉरेन पॉलिसी मैगजीन और 100क्रद्गश्चशह्म्ह्लद्गह्म्ह्य की साझा रिपोर्ट में कहा गया है कि दावा किया है कि चीन में 6,40,000 कोरोनो वायरस केस हो सकते हैं, जो कि उसके आधिकारिक आंकड़े 82,000 से काफी अधिक है।
‘100Reporters’ वाशिंगटन स्थित गैर मुनाफे के आधार पर चलाया जाने वाला न्यूज़ ऑर्गेनाइजेशन है।
इन संगठनों को डेटा, चीनी सेना के नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ डिफेंस टेक्नोलॉजी से कथित तौर पर लीक हुआ बताया जाता है। इस डेटा में अस्पतालों के स्थान, अपार्टमेंट कंपाउंड्स से जुड़ी जगहों के नाम, होटल, सुपरमार्केट, रेलवे स्टेशन, रेस्तरां और देशभर में फैले स्कूलों के कवर होने का दावा किया गया है।
‘ 100Reporters’ ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है, “डेटा जबकि पूरी तरह से व्यापक नहीं है, लेकिन अविश्वसनीय रूप से समृद्ध है। इसमें जानकारी के 6,40,000 से अधिक अपडेट्स हैं, जो कम से कम 230 शहरों को कवर कर रहे हैं। दूसरे शब्दों में कहें, तो 6,40,000 पंक्तियां उस वक्त पर खास जगहों के केस की संख्या कथित तौर पर दिखा रही हैं, जिस वक्त ये डेटा इकट्ठा किया गया।”
दरअसल फरवरी के शुरू से लेकर अप्रैल के आखिर तक डेटा के हर एक अपडेट में जगहों से जुड़े अक्षांश, देशांतर और पुष्ट केसों की संख्या शामिल है। रिपोर्ट के मुताबिक डेटा में महामारी के एपिसेंटर रहे हुबेई प्रांत के वुहान में और आसपास की जगहों के मौतों और रिकवरी की संख्या भी शामिल हैं।
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हालांकि, डेटासेट में उन व्यक्तियों के नाम शामिल नहीं हैं, जो बीमारी से संक्रमित हुए। रिपोर्ट से जुड़े दोनों संगठन स्वतंत्र रूप से इसकी प्रमाणिकता को सत्यापित नहीं कर सके।
दोनों की ओर से कहा गया, “फॉरेन पॉलिसी और 100Reporters, जो इस नोट का सह-प्रकाशन कर रहे हैं, सुरक्षा कारणों से अभी डेटाबेस को सार्वजनिक रूप से उपलब्ध नहीं करा रहे हैं, लेकिन कोरोना वायरस के फैलाव की स्टडी करने वाले रिसर्चर्स के लिए डेटा उपलब्ध कराने के तरीके तलाश रहे हैं।”
दोनों समाचार आउटलेट्स के मुताबिक चीनी मिलिट्री डेटा साझा करने की संवेदनशीलता से जुड़े होने की वजह से लीक के सोर्स ने अपनी पहचान नहीं खोलने के लिए कहा है।
चीनी सेना के नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ डिफेंस टेक्नोलॉजी की ओर से देश में कोरोन वायरस के केसों पर एक संस्करण प्रकाशित किया जाता रहा है, जो अब ऑफलाइन है।
इस दावे पर चीन की ओर से आधिकारिक प्रतिक्रिया जारी नहीं की गई है. लेकिन चीनी विदेश मंत्रालय प्रवक्ता झाओ लिजियान ने विदेशी मीडिया आउटलेट्स से “निष्पक्ष” रिपोर्टिंग के लिए कहा है।
प्रवक्ता ने ट्विटर पर लिखा, “covid-19 के खिलाफ जीतने के लिए अनुकूल माहौल बनाने के लिए जरूरी है कि सभी मीडिया दुनिया भर में पेशेवर नैतिकता के साथ विज्ञान और तर्क का पालन करें, तथ्यों और सच्चाई से चिपके रहें और निष्पक्षता और संतुलन के लिए प्रतिबद्ध हों।”
वहीं दोनों संगठनों ने कहा है कि सार्वजनिक क्षेत्र में अधिक जानकारी से शोधकर्ताओं को बीमारी के बारे में अधिक जानने का मौका मिलेगा। साथ ही उन्हें ये भी पता चलेगा कि बीजिंग नंबर्स में हेरफेर के लिए कौन से तरीके अपनाता है?
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क्यों चीन पर हुआ संदेह
दरसअल संदेह करने का मौका चीन ने खुद ही दिया। पिछले महीने चीन ने एक ही दिन में वुहान में कोरोना वायरस के संक्रमण से हुई मौतों की संख्या में 50 प्रतिशत की वृद्धि की। इससे उसके आधिकारिक कोरोना वायरस डेटा के बारे में संदेह उत्पन्न हुआ।
हालांकि न्यूज आउटलेट्स ने ये खुलासा नहीं किया कि क्या लीक हुए डेटासेट में और चीन में कोरोना वायरस से जुड़ी मौतों की संख्या अलग-अलग है। चीन ने आधिकारिक तौर पर कोरोना वायरस के 82,919 केसों के साथ 4,633 मौतों की पुष्टि की है।