जुबिली न्यूज डेस्क
तहलका पत्रिका के संस्थापक संपादक तरुण तेजपाल को यौन उत्पीडऩ मामले में गोवा के सेशन कोर्ट ने बरी कर दिया है।
गोवा की सत्र अदालत ने इस मामले पर पहले ही सुनवाई पूरी कर ली थी और आज अपना फैसला सुनाया।
साल 2013 में उनकी एक सहकर्मी ने तरूण तेजपाल पर यौन हमले का आरोप लगाया था।
तेजपाल पर आरोप था कि उन्होंने गोवा के बंबोलिम में ग्रैंड हयात होटल के लिफ्ट के भीतर सात नवंबर, 2013 को अपनी सहकर्मी से जबर्दस्ती की कोशिश की थी। हालांकि उन्होंने शुरू से ही खुद को निर्दोश बताया था।
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इससे पहल अतिरिक्त जिला अदालत 27 अप्रैल को फैसला सुनाने वाली थी लेकिन न्यायाधीश क्षमा जोशी ने फैसला 12 मई तक स्थगित कर दिया था।
12 मई को फैसला एक बार फिर 19 मई के लिए टाल दिया गया था। कोर्ट ने पूर्व में कहा था कि कोरोना वायरस वैश्विक महामारी के चलते स्टाफ की कमी के कारण स्थगन किया गया था।
गोवा पुलिस ने नवंबर 2013 में तरूण तेजपाल के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी। इसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था। तेजपाल मई 2014 से जमानत पर बाहर हैं।
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गोवा अपराध शाखा ने तेजपाल के खिलाफ आरोप-पत्र दायर किया। उन पर भारतीय दंड संहिता (भादंसं) की धारा 342 (गलत तरीके से रोकना), 342 (गलत मंशा से कैद करना), 354 (गरिमा भंग करने की मंशा से हमला या आपराधिक बल का प्रयोग करना), 354-ए (यौन उत्पीडऩ), 376 (2) (महिला पर अधिकार की स्थिति रखने वाले व्यक्ति द्वारा बलात्कार) और 376 (2) (के) (नियंत्रण कर सकने की स्थिति वाले व्यक्ति द्वारा बलात्कार) के तहत मुकदमा चला।
वहीं तरूण तेजपाल ने इससे पहले बंबई उच्च न्यायालय का रुख कर अपने ऊपर आरोप तय किए जाने पर रोक लगाने का अनुरोध किया था लेकिन उनकी याचिका खारिज कर दी गई थी।
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