जुबिली न्यूज डेस्क
मोदी सरकार के तीन नये कृषि कानूनों के विरोध में देशभर के किसान दिल्ली की सीमा पर पिछले 26 नवंबर से डटे हुए हैं। इस दौरान प्रदर्शनकारियों के निशाने पर अडानी और अंबानी रहे। प्रदर्शन कर रहे किसानों का आरोप है कि सरकार जो तीन नये कृषि कानून लाई है वह उद्योगपतियों को लाभ दिलाने के लिए लाई है।
फिलहाल अडानी की तरह रिलायंस भी किसानों को लुभाने की कोशिश में जुट गई है। सोमवार को मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज़ लिमिटेड (आरआईएल) ने कहा है कि कंपनी हमेशा किसानों की ‘उचित’ मांगों का समर्थन करेगी और उनके उत्पादों पर अनुमानित लाभ के साथ कीमत देगी।
हालांकि कंपनी ने यह भी स्पष्ट किया कि फिलहाल कॉरपोरेट या कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग के क्षेत्र में कदम रखने की कंपनी की वर्तमान में या भविष्य में कोई योजना नहीं है।
ये भी पढ़े: दो महीने से कहां गायब हैं अलीबाबा के संस्थापक जैक मा ?
ये भी पढ़े: आज टूटेगी जिद की दीवार ?
ये भी पढ़े: ट्रंप ने चुनाव अधिकारी को फोन कर कहा- मुझे 11780 वोट…
इंडियन एक्सप्रेस की खबर के अनुसार रिलायंस ने यह भी कहा कि उसने अपनी दूसरी कंपनी रिलायंस जियो इन्फ़ोकॉम के जरिए पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में दी गई एक याचिका में अपने टावरों में तोडफ़़ोड़ रोकने के लिए सरकार से तुरंत दखल देने की अपील की है।
अपने बयान में रिलायंस ने कहा, ”रिलायंस या इसकी किसी अन्य कंपनी ने कॉर्पोरेट या कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग के उद्देश्य से पंजाब/हरियाणा या देश के किसी अन्य हिस्से में प्रयत्क्ष या प्रत्यक्ष रूप से खेती वाली कोई जमीन नहीं खरीदी है। ऐसा करने की कंपनी की कोई योजना भी नहीं है। ”
बीते महीने अडानी समूह ने बयान जारी करके कहा था कि कंपनी सिर्फ अनाजों के स्टोरेज बिजनेस में शामिल है और किसी भी स्थिति अनाजों के दाम तय करने में उसका हाथ नहीं है।