Wednesday - 20 November 2024 - 8:52 AM

शिवसेना और भाजपा का रिश्ता क्या कहलाता है

अविनाश भदौरिया

महाराष्ट्र में 21 अक्टूबर को विधानसभा चुनाव होने हैं इस बीच मुंबई के गोरेगांव में आरे कॉलोनी में पेड़ काटने का विवाद गरमाया हुआ है। मुंबई मेट्रो के लिए कार शेड बनाने के लिए महारकाष्ट्र सरकार ने आरे कॉलोनी के जंगल के 2702 पेड़ काटने के आदेश दे दिए हैं। भारी विरोध के बाद भी पेड़ काटने का ऑपरेशन शुरू हो गया है।

मुंबई के गोरेगांव में आरे कॉलोनी में लगे पेड़ों को काटने के आदेश पर रोक लगाने से बॉम्‍बे हाईकोर्ट ने इन्‍कार कर दिया है। कुछ एक्टिविस्‍टों ने शनिवार को बॉम्‍बे हाईकोर्ट में एक नई अपील दायर कर पेड़ों के काटने के आदेश पर रोक लगाने की मांग की थी। वहीं विरोध कर रहे 29 प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार कर बोरीवली कोर्ट ने न्‍यायिक हिरासत में भेज दिया है।

शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने इस मुद्दे पर कड़ी टिप्‍पणी करते हुए कहा कि सत्‍ता में आने के बाद जिन लोगों ने पेड़ों का खून किया है उन्हें देख लेंगे। वहीं पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने दिल्‍ली मेट्रो का उदाहरण देते हुए कहा कि विकास और प्रकृति का संरक्षण साथ-साथ किया जा सकता है। दिल्‍ली में भी पहले पेड़ों के कटने का विरोध हुआ था, लेकिन अब दिल्‍ली में वहां पहले से ज्‍यादा पेड़ लगे हैं।

कुल मिलाकर एक बात स्पष्ट है कि शिवसेना आरे के पेड़ काटने के मुद्दे पर बीजेपी को ललकार रही है। आदित्य ठाकरे के रुख से साफ है कि इस मुद्दे पर शिवसेना मुंबईकर के साथ रहेगी, न कि बीजेपी के फैसले के साथ। ऐसे में सवाल ये सवाल भी उठ रहा है कि क्या आरे में पेड़ काटने को लेकर शिवसेना और भाजपा में टकराव होगा ?

अगर ऐसा होता है तो इसका आगामी चुनाव में क्या असर होगा और मुंबई की जनता अब किसे चुनेगी शिवसेना, भाजपा या किसी तीसरे विकल्प को।

वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक मुद्दों के विशेषज्ञ बताते हैं कि महाराष्ट्र की जनता को भ्रमित करने के लिए ये शिवसेना और बीजेपी की चाल भी हो सकती है, क्योंकि इससे पहले भी कई मुद्दों पर दोनों के बीच टकराव हुआ है लेकिन सरकार में दोनों ही दल मिलजुलकर काम कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि, स्थानीय लोगों के मुद्दों पर सरकार के खिलाफ जो आक्रोश जनता में पनपता है उसकी आवाज बनकर शिवसेना सामने आ जाती है। जिससे किसी अन्य दल को विरोध का मौका भी नहीं मिलता। वहीं जब सरकार का समर्थन करने की बात होती है तो शिवसेना हमेशा भाजपा के साथ खड़ी नजर आती है। महाराष्ट्र की जनता समझ ही नहीं पा रही कि आखिर शिवसेना और भाजपा का रिश्ता कैसा है।

शिवसेना 124, BJP गठबंधन 164 सीटों पर चुनाव लड़ रहा है

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस ने हिन्दुत्व को भाजपा और शिवसेना को जोड़ने वाली डोर करार देते हुए शुक्रवार को दावा किया कि आगामी विधानसभा चुनाव में गठबंधन अभूतपूर्व जीत दर्ज करेगा।

वहीं फड़णवीस के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा कि गठबंधन में कौन बड़ा भाई है, यह अब मुद्दा नहीं है। फड़णवीस ने कहा कि विधानसभा की कुल 288 सीटों में शिवसेना 124 सीटों पर चुनाव लड़ेगी, राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के छोटे घटक जैसे आरपीआई और आरएसपी 14 सीटों पर लड़ेंगे शेष 150 सीटों पर भाजपा लड़ेगी।

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