प्रो. अशोक कुमार
दिल्ली के एक कोचिंग संस्थान में पानी भर जाने से हुई छात्रों की मौत एक दुखद घटना है। इस घटना ने कई गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। हमें शहरी इन्फ्रास्ट्रक्चर, सुरक्षा मानकों और आपदा प्रबंधन पर गंभीरता से विचार करने के लिए मजबूर किया है।
कोचिंग संस्थान के बेसमेंट में छात्रों को पढ़ाने की अनुमति नहीं होती है। ऐसा माना जा रहा है कि यह संस्थान अवैध रूप से बेसमेंट का उपयोग कर रहा था। दिल्ली में हुई अत्यधिक वर्षा के कारण जलभराव की स्थिति उत्पन्न हुई, जिससे पानी कोचिंग संस्थान के बेसमेंट में घुस गया।
संभवतः भवन का निर्माण मानकों के अनुरूप नहीं था, जिसके कारण पानी के रिसाव और जलभराव की समस्या उत्पन्न हुई। भारी बारिश के दौरान पानी का निकास न होने के कारण बेसमेंट में पानी भर गया। इमारत में आपातकालीन निकास मार्ग और अन्य सुरक्षा उपायों का अभाव था। नगर निगम ने नियमों का उल्लंघन करने वाले इस संस्थान के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की।
नगर निगम को नियमित रूप से सभी इमारतों का निरीक्षण करना चाहिए और अवैध निर्माण पर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। सभी इमारतों में जल निकासी की उचित व्यवस्था होनी चाहिए।सभी इमारतों में आपातकालीन निकास मार्ग और अन्य सुरक्षा उपाय अनिवार्य होने चाहिए। लोगों को सुरक्षा के बारे में जागरूक किया जाना चाहिए। नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।
अन्य महत्वपूर्ण पहलू: कोचिंग संस्थानों का नियमन:
कोचिंग संस्थानों को सरकार द्वारा कड़ाई से नियंत्रित किया जाना चाहिए। अग्निशमन विभाग को सभी इमारतों की सुरक्षा जांच करनी चाहिए। समाज को भी इस तरह की घटनाओं को रोकने में अपनी भूमिका निभानी चाहिए। यह घटना हमें एक बार फिर याद दिलाती है कि सुरक्षा कितनी महत्वपूर्ण है। हमें सभी को मिलकर इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए प्रयास करने होंगे।
निवारण के उपाय
• भवन निर्माण मानकों का सख्ती से पालन:
सभी भवनों, खासकर सार्वजनिक और वाणिज्यिक भवनों का निर्माण मानकों के अनुरूप होना चाहिए। शहर में जल निकासी की व्यवस्था को दुरुस्त किया जाना चाहिए ताकि भविष्य में जलभराव की समस्या न आए। सभी सार्वजनिक और वाणिज्यिक भवनों में आपातकालीन योजनाएं बनाई जानी चाहिए और नियमित रूप से अभ्यास किया जाना चाहिए। सभी भवनों में सुरक्षा उपकरण जैसे कि फायर एक्सटिंग्विशर, इमरजेंसी एक्जिट आदि उपलब्ध होने चाहिए। भवनों का नियमित रूप से निरीक्षण किया जाना चाहिए ताकि किसी भी तरह की खामी को समय रहते दूर किया जा सके।
लोगों को आपदाओं के समय सुरक्षित रहने के लिए जागरूक किया जाना चाहिए। ऐसे संस्थानों पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए जो सुरक्षा मानकों का पालन नहीं करते हैं। स्थानीय प्रशासन को कोचिंग संस्थानों का नियमित निरीक्षण करना चाहिए ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वे सभी सुरक्षा मानकों का पालन कर रहे हैं। इस घटना में दोषी लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों। सरकार को पीड़ित परिवारों को हर संभव मदद प्रदान करनी चाहिए।
दिल्ली के कोचिंग संस्थान में हुई घटना के राजनीतिक पहलू
दिल्ली के एक कोचिंग संस्थान में हुई इस दुखद घटना के राजनीतिक पहलू काफी गहरे हैं। इस घटना ने कई राजनीतिक दलों को एक-दूसरे पर आरोप लगाने का मौका दिया है।
इस घटना के कुछ प्रमुख राजनीतिक पहलू निम्नलिखित हैं:
इस घटना के लिए कौन जिम्मेदार है, इस पर राजनीतिक दल एक-दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं। कुछ दल नगर निगम को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं, तो कुछ दल राज्य सरकार को।
कुछ राजनीतिक दल इस घटना का लाभ उठाने की कोशिश कर रहे हैं। वे इस घटना को चुनावी मुद्दा बनाकर जनता को लुभाने की कोशिश कर रहे हैं। इस घटना से जनता में काफी गुस्सा है।
लोग सरकार से जवाबदेही चाहते हैं। राजनीतिक दल इस गुस्से का फायदा उठाने की कोशिश कर रहे हैं। इस घटना ने नियमों के उल्लंघन और भ्रष्टाचार की ओर भी इशारा किया है।
राजनीतिक दल इस मुद्दे को उठाकर सरकार को घेरने की कोशिश कर रहे हैं। इस घटना ने सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। राजनीतिक दल सरकार को सुरक्षा व्यवस्था में सुधार करने के लिए दबाव बना रहे हैं।
यह कहना होगा कि इस घटना ने एक बार फिर हमें यह याद दिला दिया है कि राजनीति और प्रशासन को जनता के हित में काम करना चाहिए।
दिल्ली के कोचिंग संस्थान की घटना से सीख
इस घटना से हम सभी को यह सीख मिलती है कि जीवन की कीमत किसी भी चीज से अधिक है ! हमें हमेशा अपनी और दूसरों की सुरक्षा को प्राथमिकता देनी चाहिए। सरकार और प्रशासन को लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाने चाहिए। इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए हमें सभी को मिलकर काम करना होगा। यह घटना एक सबक है कि हमें सुरक्षा के प्रति सजग रहना चाहिए और किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं करनी चाहिए।
निष्कर्ष
यह घटना एक बड़ी त्रासदी है और इसने हमें सुरक्षा के महत्व को समझाया है। हमें इस घटना से सबक लेते हुए भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कदम उठाने होंगे। यह महत्वपूर्ण है कि हम सभी मिलकर इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार करें और सरकार को इस दिशा में कदम उठाने के लिए प्रेरित करें।
(लेखक पूर्व कुलपति कानपुर, गोरखपुर विश्वविद्यालय एवं विभागाध्यक्ष राजस्थान विश्वविद्यालय रह चुके हैं)