जुबिली न्यूज डेस्क
गुरुवार को इनकम टैक्स विभाग ने हिंदी अखबार ‘दैनिक भास्कर’ और उत्तर प्रदेश के खबरिया चैनल ‘भारत समाचारÓ के ठिकानों पर छापेमारी की, जिसकी विपक्षी दल से लेकर सोशल मीडिया पर लोग आलोचना कर रहे हैं।
सभी का कहना है कि सरकार बदले की भावना से ये कार्रवाई करवा रही है। वहीं इस मामले में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सांसद सुब्रमण्यम स्वामी की भी प्रतिक्रिया आई है।
उन्होंने कहा है कि प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने पीएम को बड़ी गलत सलाह दी है।
भाजपा सांसद स्वामी ने यह बातें शुक्रवार को ट्विटर पर कही है। अपने ट्वीट में उन्होंने लिखा है, “दैनिक भास्कर पर आयकर (आईटी)/ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के छापे अजीब समय में हुए। मुझे लगता है कि पीएमओ ने पीएम को बुरी तरह से सलाह दी है। इसलिए इसे कार्टे ब्लैंच भंग किया जाना चाहिए।”
The timing of the I-T/ ED raids on Dainik Bhaskar has come, whatever it’s merit or lack of it, at an awkward moment. I think PMO badly advised PM. Hence it should be Carte Blanche dissolved.
— Subramanian Swamy (@Swamy39) July 23, 2021
वहीं भाजपा सांसद के इस ट्वीट लोग प्रतिक्रिया दे रहे हैं। एक यूजर @RajObsessed ने ट्विटर पर लिखा है, “कभी-कभी मैं आश्चर्य में पड़ जाता हूं कि आप अंदर के आदमी हैं या बाहरी (बीजेपी में) हैं। कई बार आपके ट्वीट्स से लगता है कि आप विपक्ष में हैं। पीएमओ के आंतरिक मसलों को लेकर इस तरह के ट्वीट्स न किया करें।”
वहीं एक दूसरे यूजर @Zoro44652549 ने हैरत जताते हुए ट्वीट किया, “क्या? तो क्या आप कह रहे हैं कि उन्हें अपनी पार्टी को तर्क से आगे रखना चाहिए? अगर पीएमओ कहता है कि दो और दो मिलाकर पांच होते हैं, तो क्या उन्हें इससे भी सहमत होना चाहिए?”
@rahuljaju27 ने कहा, “सर, मुझे लगता है कि आपको ठीक ऐसा ही रवैया तब अपनाना था, जब अर्णब गोस्वामी को जेल में डाला गया था। बाकी जो हो रहा है, देखिए।”
एक अन्य यूजर @sandykulk ने भाजपा सांसद स्वामी पर तंज कसते हुए लिखा, “आपको अब यशवंत सिन्हा के साथ चले जाना चाहिए। आप दोनों बढिय़ा मनोरंजन करेंगे।”
बतातें चलें कि गुरुवार को आयकर विभाग ने कर चोरी के आरोपों में दो प्रमुख मीडिया समूहों ‘दैनिक भास्कर’ और उत्तर प्रदेश के हिंदी समाचार चैनल ‘भारत समाचार’ के विभिन्न शहरों में स्थित परिसरों पर छापे मारे।
भास्कर ने अपनी साइट पर संदेश लिखा, ”मैं स्वतंत्र हूं क्योंकि मैं भास्कर हूं। भास्कर में चलेगी पाठकों की मर्जी। सच्ची पत्रकारिता से डरी सरकार। हमारी पत्रकारिता से क्यों डर रही है सरकार।”
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इस बीच, भारत समाचार ने सफाई में कहा, “कोरोना वायरस प्रबंधन पर सच दिखाने के लिए हमें यह सजा मिली है।” नाम न बताने की शर्त पर चैनल के एक रिपोर्टर ने बताया कि हमने कई मसलों की कवरेज की, इसलिए हमें धमकाया गया। कोरोना वायरस की दूसरी लहर के दौरान गंगा में उतराती लाशों, ऑक्सीजन संकट के साथ हाथरस गैंगरेप कांड के मुद्दे पर हमारी रिपोर्टिंग से सरकार नाखुश है।
वहीं, विपक्षी दलों ने इस कार्रवाई पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है तो वहीं, आयकर विभाग ने उन आरोपों को खारिज कर दिया कि उसके अधिकारियों ने दैनिक भास्कर मीडिया समूह के कई कार्यालयों पर छापेमारी के दौरान खबरों में ”बदलाव के सुझाव” दिए।
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विभाग ने तीन ट्वीट कर कहा कि इसकी टीम ने छापेमारी के दौरान केवल वित्तीय दस्तावेजों पर गौर किया। आईटी विभाग के मुताबिक, ”मीडिया के कुछ हिस्से में आरोप लगाए गए हैं कि आयकर विभाग के अधिकारियों ने एक खास प्रकाशन के कार्यालयों पर छापेमारी के दौरान खबरों में बदलाव के सुझाव दिए और संपादकीय निर्णय लिए।”
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मालूम हो कि दोनों मीडिया संगठन देश में कोविड-19 प्रबंधन की आलोचना करते रहे थे और अप्रैल-मई में देश को बुरी तरह प्रभावित करने वाली वैश्विक महामारी की दूसरी लहर के दौरान इस विषय पर कई खबरें प्रकाशित / प्रसारित की थीं।