न्यूज़ डेस्क
दिल्ली में लगातार बढ़ रहे पारे को लेकर मौसम विभाग ने येलो और ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। मौसम के बारे में सचेत करने के लिए भी कुछ चुनिंदा रंगों का प्रयोग किया जाता है जैसे रेड अलर्ट, येलो अलर्ट या फिर ऑरेन्ज अलर्ट। ऑरेंज अलर्ट यानी इन जगहों के निवासी अपने-अपने स्तर पर हालात से निपटने के लिए तैयार रहें क्योंकि भारी बारिश की वजह से स्थिति बिगड़ सकती है।
मौसम विभाग के अनुसार जैसे-जैसे मौसम अपने चरम की ओर बढ़ता है, वैसे-वैसे अलर्ट गहरा लाल होता चला जाता है। खासकर भीषण गर्मी, सर्द लहर, मानसून या चक्रवाती तूफान आदि के बारे में जानकारी देने के लिए इन कलर अलर्ट का इस्तेमाल किया जाता है।
कितने तरह के होते हैं अलर्ट
येलो अलर्ट – मौसम विभाग के अनुसार कि येलो अलर्ट के तहत लोगों को सचेत रहने के लिए अलर्ट किया जाता है। उन्होंने बताया कि यह अलर्ट जस्ट वॉच का सिग्नल है। इस प्रकार की चेतवानी में 7.5 से 15 मिमी. की भारी बारिश होती है जो कि अगले 1 या 2 घंटे तक जारी रहने की संभावना होती है।
ऑरेंज अलर्ट– जैसे-जैसे मौसम और खराब होता है तो येलो अलर्ट को अपडेट करके ऑरेंज कर दिया जाता है। इसमें लोगों को इधर-उधर जाने के प्रति सावधानी बरतने को कहा जाता है। चक्रवात के कारण मौसम के बहुत अधिक ख़राब होने की संभावना है जो कि सड़क और वायु परिवहन को नुकसान पहुँचाने के साथ-साथ जान और माल की क्षति भी कर सकता है।
इसमे हवा की स्पीड लगभग 65 से 75 किमी. प्रति घंटा और 15 से 33 मिमी. की घनघोर बारिश होने की संभावना रहती है। इस अलर्ट में प्रभावित क्षेत्र में खतरनाक बाढ़ आने की प्रबल संभावना होती है।
रेड अलर्ट – जब भी कोई चक्रवात अधिक तीव्रता के साथ आता है जैसे तेज बारिश के साथ हवा की रफ़्तार 130 किमी. प्रति घंटा से अधिक तो मौसम विभाग की ओर से तूफ़ान रेड अलर्ट जारी किया जाता है। मौसम विभाग का कहना है कि जब मौसम खतरनाक स्तर पर पहुंच जाता है और भारी नुकसान होने का खतरा रहता है तो रेड अलर्ट जारी किया जाता है।
ग्रीन अलर्ट– कई बार मौसम विभाग द्वारा ग्रीन अलर्ट जारी किया जाता है। इसका मतलब होता है कि संबंधित जगह पर कोई खतरा नहीं है।