जुबिली न्यूज़ डेस्क
लखनऊ। सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ शिक्षामित्रों की अपील को खारिज कर दिया है। सर्वोच्च आदालत ने यूपी सरकार के फैसले पर मुहर लगाते हुए बढ़े हुए कटऑफ को अनुमति दे दी है।
कोर्ट ने यूपी सरकार के इस वक्तव्य को रिकॉर्ड पर लिया कि नए कटऑफ की वजह से नौकरी से वंचित रह गए शिक्षामित्रों को अगले साल एक और मौका दिया जाएगा। बता दें कि इस फैसले से अब कुल 67867 अभ्यर्थियों की नियुक्ति का रास्ता साफ हो गया है।
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इनमें से 31,661 पदों पर अभ्यर्थियों को नियुक्ति दी जा चुकी है। कोर्ट का कहना है कि कट ऑफ 60 से 65 ही रहेगा। शीर्ष कोर्ट ने अपने फैसले में यह भी कहा है कि सभी शिक्षा मित्रों को एक मौका और मिलेगा।
प्रदेश के बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री सतीश द्विवेदी ने कहा कि इससे बेसिक शिक्षा परिषद में 69 हजार सहायक अध्यापकों की नियुक्ति का रास्ता साफ हो गया है। बाकी बचे पदों पर भर्ती की प्रक्रिया जल्द पूरी की जाएगी। उन्होंने भर्ती प्रक्रिया में शिक्षामित्रों को एक और मौका देने का भी स्वागत किया।
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उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय के इस फैसले ने योगी सरकार के हर बच्चे को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के फैसले पर भी मुहर लगा दी। मैं सहायक शिक्षक भर्ती में शामिल सभी अभ्यर्थियों को बधाई देता हूं।
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने 69 हजार शिक्षक भर्ती परीक्षा को उत्तर प्रदेश का व्यापम घोटाला तक बता दिया था। बता दें कि उत्तर प्रदेश में 69000 शिक्षक भर्ती मामला पिछले दो साल से अधर में लटका हुआ था, जिसके चलते हजारों अभ्यर्थियों के सरकारी नौकरी के सपनों पर ग्रहण लगा रहा। अभ्यर्थी हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के चक्कर लगा रहे हैं। हर रोज एक मोड़ सामने आ रहा है।
ये है मामला
दिसंबर, 2018 में उत्तर प्रदेश की मौजूदा योगी सरकार ने सरकारी प्राइमरी स्कूलों में 69000 सहायक अध्यापकों की भर्ती के लिए वैकेंसी निकाली थी। 6 जनवरी 2019 को करीब चार लाख अभ्यार्थियों ने लिखित परीक्षा में हिस्सा लिया।
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एक दिन बाद सरकार की तरफ से कट ऑफ मार्क्स का मानक तय कर दिया था। जिसमें पास होने के लिए आरक्षित वर्ग के लिए 40 और सामान्य वर्ग के 45 प्रतिशत का कट ऑफ तय किया गया था, जिसे इस बार बढ़ाकर सामान्य वर्ग के लिए 65 और आरक्षित वर्ग के लिए 60 फीसदी कर दिया गया।
शिक्षा मित्रों का ये था दावा
शिक्षामित्रों का दावा किया था कि शिक्षक भर्ती की लिखित परीक्षा में लगभग 45 हजार शिक्षामित्रों ने फार्म भरा था। उत्तरमाला के मुताबिक 45/40 अंकों पर 37 हजार से ज्यादा शिक्षामित्र पास हो रहे हैं, जबकि परीक्षा नियामक प्राधिकारी के मुताबिक 45/40 कट ऑफ पर केवल 8018 शिक्षामित्र पास हुए हैं।
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