Monday - 28 October 2024 - 8:37 AM

3.8 किमी सड़क की मरम्मत के लिए मिले 4.18 करोड़ रुपये लेकिन चार माह बाद…

जुबिली न्यूज डेस्क

यूपी के गाजीपुर जिले के एक गांव शेरपुर का एक मामला इन दिनों सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बना हुआ है। गांव के लोग सोशल मीडिया पर अपने अधिकारों के लिए एकजुट होकर आवाज उठा रहे हैं। अब मामला क्या है यह भी जान लेते हैं। मामला एक सड़क के निर्माण कार्य से जुड़ा है।

दरअसल गाजीपुर जिले में शेरपुर-कुण्डेसर मार्ग पर 3.8 किलोमीटर की मरम्मत व चौड़ीकरण के लिए चार माह पूर्व 4 करोड़ 18 लाख रुपये की धनराशि शासन से स्वीकृत हुई थी। जब इतनी बड़ी राशि शासन द्वारा स्वीकृति हुई तब भी खूब चर्चा हुई थी।

उस समय गांव वाले बहुत खुश हुए थे कि अब उन्हें शानदार सड़क मिलेगी, लेकिन समय के साथ खुशी काफूर हो गई। सड़क तो बनी नहीं अलबत्ता और खराब हो गई। सड़क के चौड़ीकरण के लिए खुदाई कर छोड़ दी गई है और तो जगह-जगह गिट्टियां भी पड़ी है। इसकी वजह से लोगों को आने-जाने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

गांव के लोग कई वजह से खफा हैं। एक तो सड़क निर्माण में इतनी देरी की गई और दूसरे निर्माण के लिए गिराई गई दोयम दर्जे का सामान भी उनकी नाराजगी की बड़ी वजह है। गांव वालों का कहना है कि काम पर ध्यान न देकर अधिकारी पैसे के बंदरबांट में जुटे हैं। अब गांव वालों ने सोशल मीडिया पर इसके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।

गांव के लोग सड़क की मरम्मत में बरती जा रही लापरवाही की तस्वीर, दोयम दर्जे की गिरायी गयी गिट्टियों की तस्वीर व मार्ग की जर्जरता की तस्वीर खींच-खींचकर वायरल कर रहे हैं। यहां तक कि पीएमओ व सीएम से जांच नहीं कराये जाने की दशा में ग्रामीण एक-दूसरे से धरना-प्रदर्शन के लिए एकजुट होने का भी आह्वान कर रहे हैं।

शेरपुर गांव के डॉ. प्रशांत राय फेसबुक पर इस सड़क को लेकर लंबा-चौड़ा पोस्ट लिखे हैं। इसके अलावा अनिल राय मास्टर, डॉ. संतोष राय, डॉ. विजय राय, शिवम उपाध्याय, सनंदन उपाध्याय, मदन दुबे, आलोक राय डब्बू नेता और आनंद राय पहलवान आदि ने अपने भी सोशल मीडिया पर इस कार्य के विषय में जिज्ञासा और असंतोष प्रकट किया है।

सड़क निर्माण में गुणवत्ता की अनदेखी की गई है। जब सोशल मीडिया पर मुहिम चलाई गई तो निर्माण से जुड़े कई लोगों ने फोन कर आश्वासन दिया कि गुणवत्ता को देखा जाएगा, लेकिन संबंधियों का फोन करना अपने आप में बता रहा है कि कहीं न कहीं गुणवत्ता की अनदेखी की गई है।-डॉक्टर संतोष राय  

 

सोशल मीडिया के साथ माननीय मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री जी को भी पत्रक सौंपा जाएगा। इस मामले को मीडिया में भी लाया जायेगा ताकि सड़क के निर्माण से जुड़े लोग इसकी गुणवत्ता के साथ खिलवाड़ न करें। -मदन दुबे 

 

सड़क निर्माण कार्य में सरासर लापरवाही बरती जा रही है। जेई राजेश यादव सड़क की मोटाई और गिट्टी की नाप को लेकर कई दावा कर चुके हैं लेकिन जब हम लोग मौके पर जाकर देखे तो सड़क कई जगह खोखला मिला। जेई भी मौके पर नहीं आ रहे।-सनंदन उपाध्याय

 

हमारा गांव अष्ट शहीदों का है। कम से कम शासन-प्रशासन उसी का ख्याल कर लेता। सड़क की गुणवत्ता के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। जल्द ही सब ठीक नहीं किया गया तो हम लोग सड़क पर उतरेंगे।-आनंद राय पहलवान 

इस सड़क निर्माण के लिए बड़ी मेहनत हुई तब जाकर शासन से पैसा स्वीकृत हुआ। उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या ने भी अपने ट्विटर अकाउंट के माध्यम से सबसे पहले इसकी जानकारी भी दी। उन्होंने तो अपना काम कर दिया लेकिन उनका अपना ही विभाग उनकी इच्छाओं पर पानी फेर रहा है।–अनिल राय मास्टर 

सड़क का निर्माण मानक के हिसाब से नहीं हो रहा है। सड़क पर कहीं-कहीं पर बड़ी गिट्टी डालकर लोगों को संतुष्ट करने की कोशिश की गई है। अधिकतर जगहों पर छोटी गिट्टी और  पुराने ईट के टुकड़े को डालकर कोरम पूरा किया गया है।–शिवम उपाध्याय 

हम लोग शासन को पत्रक सौपे हैं । अगर शासन नहीं जागा तो हम गांव के लोग जाग जायेंगे। और यदि हम लोग जाग गए तो इसका परिणाम प्रशासन को भुगतना पड़ेगा। हम थोड़े समय और इंतजार करेंगे। अगर ऐसा ही चलता रहा तो जल्द ही हम लोग इस समस्या को लेकर सड़क पर उतरेंगे। –आलोक राय उर्फ डब्बू नेता 

 

 

इस सड़क को लेकर मुख्य ठेकेदार से भी गांव के कई लोगों ने बात की तो उनका साफ साफ कहना था कि हम ठेका लेकर सारी जिम्मेदारी जेई राजेश यादव को सौंप दिए हैं। अब सब कुछ उनके ऊपर है। वह सड़क को गुणवत्ता के साथ बनाते हैं या गुणवत्ताविहीन बनाते हैं। ठेकेदार ने तो यह कहकर पल्ला झाड़ लिया है तो वहीं मुख्य अभियंता महोदय ने एक पत्र के माध्यम से कहा है कि वे लोग गुणवत्ता को ध्यान में रखकर सड़क बना रहे हैं। उनका कहना है कि वह सड़क के किनारे की पटरी भी बना रहे हैं लेकिन दुर्भाग्य की बात तो यह है कि लिखित पत्र में मुख्य अभियंता महोदय ने सरासर झूठ बोला है। मौके पर जाकर देखिए सड़क के किनारे की पटरी अधिकतर जगहों पर नहीं बनी है और जहां बनी हैं वहां बहुत पतली बनी है। कहीं-कहीं पर ही मानक के अनुरूप उसकी चौड़ाई है। इसके अलावा पूरी सड़क में जो मटेरियल अभी डाल रहे हैं उसकी बारे में तो बात करना बेमानी लगता है।-डॉ प्रशांत राय 

इसमें शानदार सड़क बन जाती लेकिन ऐसा हो नहीं रहा है। सड़क की मरम्मत में बहुत ही लापरवाही बरती जा रही है। शिकायतों के बाद भी कोई सुनवाई नहीं हो रही है। प्रशासन के सुस्त रवैये के चलते ही काम अधर में अटका हुआ है। कुल मिलाकर कोरम पूरा करने की तैयारी हो रही है। -मृत्युंजय राय 

 

 

सड़क की गुणवत्ता बहुत ही खराब है। मानक के हिसाब से कहीं से भी नहीं दिख रही है। हम लोग अपनी शिकायत दर्ज करा रहे हैं तो सिर्फ आश्वासन मिल रहा है। अब ऐसे काम नहीं चलेगा। खुलेआम लूट मची हुई है। चार करोड़ 18 लाख रुपए मिले हैं फिर भी गुणवत्ता के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है।–सत्यम उपाध्याय 

सभी ने इस सड़क के लिए काफी मेहनत की तब जाकर इसके लिए पैसा पास हुआ। अब जब अच्छा सड़क बनना चाहिए तो पैसों का बंदरबांट हो रहा है। एक बार अच्छी सड़क बन जायेगी तो कई सालों के लिए फुर्सत हो जाती लेकिन जिस तरह से सड़क का निर्माण हो रहा है वह दो-चार साल चल जाये बड़ी बात होगी। खुलेआम मानक का दुरुपयोग किया जा रहा है। — दुर्गेश उपाध्याय 

 

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कैसे हो रहा निर्माण कार्य

इस मार्ग के घटिया निर्माण कार्य को लेकर चलाये जा रहे मुहिम को लेकर गांव निवासी डा. प्रशांत राय अपने कुछ मित्रों के साथ शेरपुर-कुण्डेसर मार्ग के निर्माण कार्य का हाल जानने के लिए पहुंचे, तो देखा कि वहां पुरानी सड़क को जेसीबी व ट्रैक्टर की मदद से उखाड़ा जा रहा था, किंतु उखड़ी सड़क को तुरंत उसे उसी जगह पर दबा दिया जा रहा था, जिससे पुराने तारकोल गिट्टी सहित उसी में रह जा रही थी। साथ ही सड़क में डाले जा रहे पत्थर की साइज शुरू में एक किलोमीटर तक तो बढ़ी दिखी, लेकिन कुछ दूर तक निर्माण करने के बाद कम गुणवत्ता वाली गिट्टियों का इस्तेमाल किया गया है। इस कार्य में लगे मजदूरों से पूछा तो, उन्होंने बताया कि ठेकेदार ने जो कहा है, उसी को हम कर रहे हैं। सड़क पर डाले गए पत्थर का मानक भी पूर्ण नहीं दिखा। इससे गुणवत्ता की बात करना बेमानी है और सड़क के किनारे मिट्टी की पटरी बनाने में भी घोर अनियमितता बरती जा रही है।

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