जुबिली स्पेशल डेस्क
हरियाणा चुनाव बेहद करीब है लेकिन वहां पर कांग्रेस और बीजेपी दोनों के लिए मुश्किलें बढ़ रही है।
दोनों दलों में बगावत अब खुलकर देखने को मिल रही है। भले ही बीजेपी जीत का दावा कर रही हो लेकिन उसके बागी नेता बीजेपी का खेल बिगाड़ने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं जबकि कांग्रेस में सीएम की चाहत ने कांग्रेस को जरूर मुश्किले में डाले रखा है।
सीट बंटवारे को लेकर भी दोनों दलों में जमकर रार देखने को मिल रही है। हालात तो ऐसे बन गए है कि हरियाणा की 90 में से कई सीटों पर बतौर निर्दलीय उतरे कद्दावर अपनी ही पार्टी के लिए मुश्किल में डालने का काम कर रहे हैं।
लाडवा सीट से बीजेपी के टिकट पर सीएम नायब सिंह सैनी चुनाव लड़ रहे हैं लेकिन इसी सीट पर उनकी पार्टी के बागी नेता संदीप गर्ग उनको चुनौती देते नजर आयेंगे। रनिया में पूर्व मंत्री रणजीत चौटाला और गन्नौर में पूर्व मंत्री देवेंद्र कादयान बीजेपी से बगावत कर निर्दलीय उम्मीदवार के तौर चुनावी दंगल में अपनी दावेदारी पेश करते हुए नजर आयेंगे।
बीजेपी में बागियों की लिस्ट काफी लंबी है और सफीदो सीट से मैदान में उतरे बच्चन सिंह आर्य, महम से राधा अहलावत, गुरुग्राम से नवीन गोयल और हथीन से निर्दल उम्मीदवार केहर सिंह रावत जैसे नेताओं ने बीजेपी की राह में कांटा जरूर बिछा डाला है।
कांग्रेस पार्टी में बागियों की लिस्ट भी काफी लंबी है। कई ऐसे नेता है जो टिकट नहीं मिलने पर बागी हो गए है और उन्होंने हाथ का साथ छोड़ दिया है और हरियाणा चुनाव में कांग्रेस को सत्ता में वापसी के लिए रोड़ा साबित हो रहे हैं। उन्हें टिकट नहीं मिलने पर पार्टी से बगावत कर अंबाला कैंट से चित्रा सरवारा, बल्लभगढ़ से शारदा राठौर, बहादुरगढ़ से राजेश जून बतौर निर्दलीय मैदान में अपनी दावेदारी पेश कर रहे हैं।
उचाना से दिलबाग शांडिल्य, गुहला से नरेश ढांडा, जींद से प्रदीप गिल, पुंडरी से सज्जन सिंह ढुल बतौर निर्दलीय चुनावी दंगल में उतरकर कांग्रेस को काफी मुश्किलों में डाला है।
इसके आलावा कलायत में कांग्रेस की बागी अनीता ढुल, पानीपत ग्रामीण में विजय जैन, दादरी में अजीत फोगाट, नीलोखेड़ी में राम गोंदर और दयाल सिंह सरोही, भिवानी में अभिजीत सिंह, बवानी खेड़ा में सतबीर रातेड़ा बवानी खेड़ा भी पार्टी के लिए सबसे बड़ा खतरा बनकर सामने आ गए है।