Tuesday - 29 October 2024 - 3:49 AM

यूएस कैपिटल हिंसा के बाद ट्रंप के खिलाफ बगावत हुआ तेज

जुबिली न्यूज डेस्क

पूरी दुनिया की निगाहे अमेरिका पर लगी हुई हैं। बुधवार को अमेरिका के यूएस कैपिटल में भड़की हिंसा में अब तक चार लोगों की मौत हो गई है। फिलहाल यह हिंसा मौजूदा राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को भारी पड़ सकती है।

यूएस कैपिटल में भड़की हिंसा के बाद ट्रंप के खिलाफ बगावत इतनी तेज हो गई है कि अब उनके 13 दिनों के कार्यकाल पर भी संकट मंडरा रहा है।

इस हिंसा की वजह से रिपब्लिकन सांसद और कैबिनेट अधिकारी डोनाल्ड ट्रंप को 20 जनवरी से पहले ही राष्ट्रपति पद से हटाना चाहते हैं। इतना ही नहीं कुछ रिपब्लिकन तो राष्ट्रपति पर महाभियोग चलाए जाने के भी पक्ष में हैं।

सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार कुछ वरिष्ठ कैबिनेट सदस्य 25वें संविधान संशोधन को लागू करने पर विचार कर रहे हैं।

अमेरिकी संविधान में 25वें संशोधन के जरिए यह बताया गया था कि अगर राष्ट्रपति अपने कर्तव्यों का पालन करने में अक्षम हो जाता है तो उस स्थिति में क्या करना होगा। विचार-विमर्श अभी जारी है लेकिन यह स्पष्ट नहीं कि ट्रंप को हटाने के लिए पर्याप्त सांसदों का समर्थन मिलेगा।

ये भी पढ़े: तस्वीरों में देखें यूएस कैपिटल के भीतर और बाहर की फसाद 

ये भी पढ़े: अमेरिका इतिहास का काला दिन, हिंसा में चार लोगों की मौत

ये भी पढ़े:  इवांका को ट्रंप ने हिंसक समर्थकों को देशभक्त कहना पड़ा महंगा

रिपब्लिकन नेता और राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार रह चुके मिट रोमनी ने ट्रंप को एक स्वार्थी आदमी बताया। उन्होंने कहा कि ट्रंप ने अपने समर्थकों को चुनाव के बारे में जानबूझकर गलत जानकारी दी। रोमनी ने यूएस कैपिटल हिंसा को राजद्रोह बताया और कहा कि यह ट्रंप के उकसावे की वजह से हुआ।

एक और रिपब्लिकन नेता लिज शेने ने कहा, ‘इसमें कोई शक नहीं कि भीड़ राष्ट्रपति ने जमा की थी। राष्ट्रपति ने भीड़ को उकसाया। राष्ट्रपति ने भीड़ से बात की, उन्होंने ही आग लगाई।’

अमेरिका के मौजूद उपराष्ट्रपति माइक पेंस ने भी हिंसा को अमेरिकी इतिहास का काला दिन करार दिया है। उन्होंने ट्वीट किया, ‘हम उन लोगों के आभारी रहेंगे जिन्होंने इस ऐतिहासिक जगह को बचाने के लिए अपनी जगह नहीं छोड़ी।’

एक पूर्व वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप की गतिविधियां उन्हें उनके कार्यकाल पूरा होने से पहले ही पद से हटाने के लिए काफी हैं। इस अधिकारी ने कहा, ‘यह सिस्टम के लिए बड़ा झटका है। इसके बाद भी आप उन्हें दो हफ्तों के लिए कैसे राष्ट्रपति पद पर रहने दे सकते हैं?’

ये भी पढ़े: भारतीय राजनीति में इस साल बिखरेंगे पांच चुनावी रंग

ये भी पढ़े: बंगाल में भाजपा का खेल बिगाड़ सकती है शिवसेना!

ये भी पढ़े:  विकीलीक्स, जूलियान असांज और अमेरिका

Radio_Prabhat
English

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com