न्यूज़ डेस्क।
सोमवार को होने वाला योगी आदित्यनाथ सरकार का पहला मंत्रिमंडल विस्तार टल गया है, लेकिन जल्द ही यह विस्तार होगा। बता दें कि मंत्रिमंडल में जिन लोगों को शामिल किए जाने की खबर है उनमें गृहमंत्री राजनाथ सिंह के बड़े बेटे पंकज सिंह, विजय बहादुर पाठक, यशवंत सिंह, महेंद्र सिंह और वेद प्रकाश गुप्ता की चर्चा है। वहीं करीब आधा दर्जन मंत्रियों का प्रमोशन होगा जबकि कई बड़े मंत्रियों के महत्वपूर्ण विभाग लिए भी जाएंगे।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार आखिरी वक्त में कई नामों पर सहमति नहीं बन पाई। कुछ नाम ऐसे हैं जिन्हें हटाने का मन बनाया जा चुका था, लेकिन संगठन ने ऐसा करने की अनुमति नहीं दी। दरअसल योगी आदित्यनाथ नॉन परफॉर्मिंग मंत्रियों को हटाना चाहते हैं जबकि राजनीति और जातीय संतुलन को देखते हुए संगठन ज्यादा कांट-छांट नहीं चाहता। माना जा रहा है कि इस मंत्रिमंडल में योगी आदित्यनाथ की छाप दिखेगी।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अरुण जेटली का ख़राब स्वास्थ्य भी मंत्रिमंडल विस्तार टालने की एक वजह है।
बता दें कि प्रदेश में 60 सदस्यीय मंत्रिपरिषद हो सकता है। मार्च 2017 में योगी के कैबिनेट में 47 मंत्री बनाये गये थे। इसमें 2019 के लोकसभा चुनाव में योगी सरकार में बनाये गये तीन मंत्री सांसद बने है।
सांसद बने तीन मंत्रियों सत्यदेव पचौरी, डॉ.एस.पी. सिंह बघेल और डॉ. रीता बहुगुणा जोशी ने त्यागपत्र दे दिया। इसके अलावा सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर को मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया गया था।
इन सबके अलावा भारतीय जनता पार्टी के यूपी अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने अपने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। स्वतंत्र देव सिंह योगी कैबिनेट में परिवहन मंत्री थे। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह का राज्य मंत्रिमंडल से इस्तीफा देने के बाद मंत्रिमंडल में अब सीएम योगी सहित कुल 42 सदस्य ही है।
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