नई दिल्ली। रीजनल कंप्रेहेंसिव इकनॉमिक पार्टनरशिप (आरसीईपी) में भारत ने शामिल होने से मना कर दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारत की चिंताओं को लेकर दृढ़ हैं और घरेलू उद्योगों के हित को लेकर कोई भी समझौता नहीं करने का फैसला लिया है।
बैंकॉक में आरसीईपी समिट को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि आरसीईपी की कल्पना करने से हजारों साल पहले भारतीय व्यापारियों, उद्यमियों और आम लोगों ने इस क्षेत्र के साथ संपर्क स्थापित किया था। सदियों से इन संपर्कों और संबंधों ने हमारी साझा समृद्धि में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
इसमें शामिल 10 आसियान देशों और इसके छह मुक्त व्यापार भागीदारों के नेताओं द्वारा जारी एक संयुक्त बयान में कहा गया है, “भारत के पास महत्वपूर्ण लंबित मुद्दे हैं, जो अनसुलझे हैं। सभी आरसीईपी प्रतिभागी देश इन लंबित मुद्दों को पारस्परिक रूप से संतोषजनक तरीके से हल करने के लिए मिलकर काम करेंगे। भारत का अंतिम निर्णय इन मुद्दों के संतोषजनक समाधान पर निर्भर करेगा।