जुबिली न्यूज डेस्क
भारतीय रिजर्व बैंक ने लगातार पांचवी बार रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है।
बुधवार को आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने घोषणा करते हुए कहा कि केंद्रीय बैंक रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं करेगा, यह 4 प्रतिशत ही रहेगा और रिवर्स रेपो रेट 3.35 प्रतिशत रहेगा।
आरबीआई गर्वनर के घोषणा से पहले ही बाजार के जानकारों ने पहले ही ऐसा संकेेत दिया था। उनका कहना था कि मुद्रास्फीति बढऩे, महंगाई से जुड़े लक्ष्यों और कोविड-19 के बढ़ते मामलों को देखते हुए रिजर्व बैंक मौद्रिक नीति के मामले में नरम रुख अपनाते हुए यथास्थिति बनाए रख सकता है।
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गवर्नर दास ने कहा कि वित्त वर्ष 2021-22 के लिए वास्तविक जीडीपी वृद्धि का अनुमान 10.5 प्रतिशत पर बरकरार है।
वित्त वर्ष 2021-22 की पहली द्विमासिक मौद्रिक नीति तीन दिनों तक चली और समीक्षा बैठक की अध्यक्षता आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने की।
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इसके पहले 5 फरवरी को हुई बैठक के बाद आरबीआई ने महंगाई की चिंताओं का जिक्र करते हुए रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया था। सरकार की ओर से आरबीआई को खुदरा महंगाई दर 4 फीसदी के दायरे में रखने का लक्ष्य दिया गया है।
फरवरी 2020 के बाद से रेपो रेट में अब तक 1.15 फीसदी की कटौती देखी जा चुकी है। विशेषज्ञों के अनुसार कोरोना मामले फिर से बढऩे के चलते देश भर में लग रहे प्रतिबंधों से औद्योगिक उत्पादन की बढ़ती रफ्तार पर एक बार फिर से सुस्ती छा सकती है। ऐसे हालात में रिजर्व बैंक हालात पर कुछ दिनों तक और नजर बनाए रखेगा ताकि बदलाव का व्यापक असर हो सके।
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