न्यूज़ डेस्क
नई दिल्ली। एमएसएमई क्षेत्र पर अध्ययन के लिए बनाई रिजर्व बैंक की समिति ने छोटे कारोबारियों को बिना जमानत 20 लाख रुपये तक लोन देने की सिफारिश की है। सेबी के पूर्व चेयरमैन यूके सिन्हा की अगुवाई वाली समिति ने आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है।
इसमें मुद्रा लोन के तहत मिलने वाले कर्ज की राशि को भी दोगुना करने का सुझाव दिया गया है। मामले से जुड़े सूत्रों का कहना है कि आठ सदस्यीय समिति ने सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्योग (एमएसएमई) क्षेत्र की वित्तीय स्थिरता के लिए कई दीर्घकालिक समाधान सुझाए हैं।
इसमें बैड लोन के पुनर्गठन पर भी जोर दिया गया है। समिति ने कहा है कि इस क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए बिना जमानत कर्ज की राशि को दोगुना यानी 20 लाख रुपये किया जाना चाहिए।
अगर केंद्रीय बैंक इन सिफारिशों को लागू करता है तो उसे 2010 के अपने सर्कुलर में बदलाव करना होगा, जिसके तहत अभी छोटे उद्यमियों को बिना जमानत 10 लाख रुपये तक का कर्ज मिलता है। रिजर्व बैंक के आंकड़ों के मुताबिक छोटे उद्यमियों को मिलने वाले लोन में पिछले वित्त वर्ष मात्र 5 फीसदी की बढ़ोतरी रही।
मुद्रा लोन का भी बढ़े दायरा
समिति ने मुद्रा लोन के तहत छोटे कारोबारियों को मिलने वाली राशि को भी दोगुना करने की सिफारिश की है। इसके तहत अभी शिशु कैटेगरी में 50 हजार तक जबकि किशोर में 5 लाख और तरुण कैटेगरी में 10 लाख तक कर्ज मिलता है।
समिति ने कहा है कि मुद्रा लोन के तहत छोटे उद्यमियों को कम से कम 1 लाख का कर्ज दिया जाना चाहिए। गौरतलब है कि एमएसएमई मंत्रालय के क्रेडिट गारंटी फंड से छोटे उद्यमियों को 2 करोड़ तक लोन बिना गारंटी देने की व्यवस्था है, लेकिन बैंकों से लोन पाने में दिक्कत आती है।
बैंकों को हो सकती है परेशानी
छोटे उद्यमियों को मिलने वाला कर्ज ऋण गारंटी के तहत सुरक्षित होने के बावजूद बैड लोन का दायरा बढ़ता जा रहा है। ऐसे में बिना जमानत या गिरवी के लोन की राशि दोगुना करने पर यह फंसे कर्ज की राशि में और इजाफा कर सकता है।
ऐसे में बैंक तब तक कर्ज की राशि दोगुना करने से कतराएंगे, जब तक ऋण गारंटर के तहत इसके बीमा कवर की राशि भी दोगुना नहीं की जाती है।
खास बातें
- आरबीआई की समिति ने मुद्रा लोन की राशि भी दोगुना करने का सुझाव दिया
- 2018-19 में 6 करोड़ लोन बांटे गए प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत
- छोटे उद्यमियों को इस दौरान 3 लाख करोड़ की राशि दी गई