न्यूज़ डेस्क
मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने कमजोर घरेलू एवं वैश्विक मांग के मद्देनजर चालू वित्त वर्ष का विकास अनुमान सात प्रतिशत से घटाकर 6.9 प्रतिशत कर दिया है।
केंद्रीय बैंक ने बुधवार को समाप्त चालू वित्त वर्ष की तीसरी द्विमासिक समीक्षा बैठक के बाद जारी बयान में कहा है कि जून में हुई पिछली बैठक में उसने वित्त वर्ष 2019- 20 में सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की विकास दर सात प्रतिशत रहने का पूर्वानुमान व्यक्त किया था, लेकिन पिछले दो महीने में अर्थव्यवस्था के कई संकेतकों से घरेलू तथा वैश्विक माँग में कमजोरी के संकेत मिले हैं।
आरबीआई ने कहा “वित्त वर्ष 2019- 20 में वास्तविक जीडीपी की विकास दर सात प्रतिशत से घटाकर 6.9 प्रतिशत की जाती है। पहले छमाही में विकास दर 5.8 से 6.6 प्रतिशत के बीच और दूसरी छमाही में 7.3 से 7.5 प्रतिशत के बीच रहने की उम्मीद है।”
बयान में कहा गया है कि विकास दर के अनुमान से बेहतर रहने की संभावना कम और कमतर रहने की संभावना ज्यादा है। केंद्रीय बैंक ने कई कारकों को आंकलन में शामिल करने के बाद विकास अनुमान घटाया है।
दूसरी तिमाही में मांग में वृद्धि की रफ्तार सुस्त रहेगी, हालांकि लागत में कमी विकास के लिए शुभ संकेत है। इस साल नीतिगत ब्याज दरों में लगातार की गयी कटौती से आर्थिक गतिविधियों को बल मिलने की उम्मीद है।