जुबिली न्यूज डेस्क
नई दिल्ली. दो हजार के नोट को लेकर आई खबर ने हलचल मचा दिया है, वहीं नोट को लेकर कई अफवाहे भी सामने आ रहीं हैं, जिसके बाद भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने 2000 रुपये के नोट को वापस लिये जाने के संबंध में कहा कि यह ‘क्लीन नोट पॉलिसी’ के तहत किया जा रहा है.
उन्होंने सोमवार को दिए बयान में कहा, “मैं एक बार फिर आप लोगों को बता दूं कि यह रिजर्व बैंक की करेंसी मैनेजमेंट प्रणाली का हिस्सा है.” उन्होंने बताया कि रिजर्व बैंक क्लीन नोट पॉलिसी का अनुसरण कर रहा है. समय-समय पर आरबीआई किसी एक सीरीज के नोट को चलन से बाहर कर देता है और उसकी जगह नए नोट जारी करता है.
क्लीन नोट पॉलिसी का अनुसरण कर रहा
गवर्नर ने कहा कि आरबीआई एक्ट की धारा 27 के तहत रिजर्व बैंक ऐसे नोट जारी नहीं कर सकता जो बहुत खराब स्थिति में हों. उन्होंने कहा, “इसी धारा के तहत रिजर्व बैंक बहुत लंबे समय से क्लीन नोट पॉलिसी का अनुसरण कर रहा है. इसलिए रिजर्व बैंक समय-समय पर किसी खास सीरीज के नोट को चलन से बाहर करके उनकी जगह नए नोट जारी कर देता है.”
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पहले भी हो चुका है ऐसा
आरबीआई गवर्नर ने बताया कि ऐसा पहले भी किया जा चुका है. उन्होंने कहा, “इसी तरह से 2013-14 में उन नोटों को चलन से बाहर कर दिया गया था जो 2005 से पहले छापे गए थे. उस समय भी लोगों को बैंक आकर नोट बदलने का सुझाव दिया गया था. इसी तरह से इस बार 2000 रुपये के नोट चलन से बाहर किये जा रहे हैं लेकिन यह अमान्य नहीं होंगे.
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बैंक करें पुख्ता इंतजाम
उधर, आरबीआई ने सोमवार को सभी बैंकों को संबोधित करते हुए कुछ निर्देश जारी किये. आरबीआई ने बैंकों से कहा है कि वे 23 मई से नोट बदलने की सुविधा बैंक में सभी काउंटरों पर मिलनी चाहिए. यह ठीक उसी तरह होना चाहिए जैसा पहले किया जा रहा था. इसके अलावा बैंक लोगों के बैठने या खड़े होने के लिए छायेदार जगह का इंतजाम करें और गर्मी को देखते हुए पेयजल की व्यवस्था भी करें.