न्यूज डेस्क
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन अपने बयानों की वजह से अक्सर चर्चा में रहते हैं। वह भारत की अर्थव्यस्था पर वह समय-समय पर अपनी प्रतिक्रिया देते रहते हैं। इस बार उन्होंने भारतीय रियल एस्टेट क्षेत्र में छाई मंदी पर बयान दिया है।
आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने केन्द्र सरकार को चेतावनी दी है कि रियल एस्टेस क्षेत्र में आर्थिक सुस्ती के कारण सेक्टर पर काफी दबाव है। इसलिए अगर जल्द से जल्द इस दिशा में कदम नहीं उठाए गए तो इसका अंजाम अच्छा नहीं होगा और देश को भुगतना पड़ेगा।
पूर्व गवर्नर राजन ने कहा कि कि कंस्ट्रक्शन और इंफ्राास्ट्रक्चर सेक्टर भी समस्या से जूझ रहा है। इन तीनों सेक्टर को सबसे ज्यादा कर्ज नॉन बैंकिंग फाइनैंशल कंपनी (NBFC) से प्राप्त हुआ है। एनबीएफसी कर्ज बांटने की हालत में नहीं रह गई हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि बैड लोन का आकार अब बढ़ गया है।
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एक मैगजीन को दिए अपने लेख में उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों पर काफी आर्थिक दबाव है। भारत की विकास दर घटती जा रही है। वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में यह 4.5 फीसदी पर पहुंच गई थी, जो पिछले छह सालों में सबसे कम है। आगे उन्होंने कहा कि भारत में बेरोजगारी भी एक बड़ी समस्या है।
राजन ने कहा कि भारत में 47 अरब डॉलर यानी करीब 3.3 लाख करोड़ रुपये के प्रॉजेक्ट फंसे हुए हैं। इसके साथ ही 4.65 लाख यूनिट घर निर्माण की प्रक्रिया पूरी नहीं हुई है। इन सभी प्रॉजेक्ट को पूरा करने में दो से आठ सालों का वक्त लग सकता है।
उन्होंने कहा कि सरकार का लक्ष्य साल 2024 तक 50 खरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का है। राजन के मुताबिक, इसके लिए हर साल आठ से नौ फीसदी की वृद्धि अनिवार्य है, जो बेहद मुश्किल है।
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