न्यूज़ डेस्क
कोरोना वायरस के बढ़ रहे प्रकोप के चलते केंद्र और राज्य सरकारों ने कई बड़े एलान किये हैं। इसके बाद आज देश का केंद्रीय बैंक आरबीआई भी इस मुद्दे को लेकर कई अहम फैसले लिए हैं। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर शक्तिकांत दास प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान उन्होंने कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए है।
रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया के गवर्नर ने बताया कि कोरोना की वजह से देश की वित्तीय हालत पर फर्क पड़ेगा। इसको ध्यान में रखते हुए रिज़र्व बैंक ने रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट में कटौती की। रेपो रेट में 75 बेसिस प्वाइंट की कटौती की गयी है। इस कटौती के बाद रेपो रेट 5.15 से घटकर 4.45 फीसदी पर आ गई है। जबकि रिवर्स रेपो रेट में 90 बेसिस पॉइंट में कटौती कर यह दर 4% पहुंच गयी।
ईएमआई पर मिलेगी तीन महीने तक छूट
जाहिर है कि रेपो रेट की कटौती के बाद होम लोन, कार लोन और अन्य तरह के लोन सहित कई तरह की ईएमआई भरने वाले करोड़ों लोगों को तीन महीने तक राहत मिलने की उम्मीद है।
आरबीआई ने आदेश नहीं, सिर्फ सलाह दी है। मतलब कि ये बैंकों पर निर्भर है। बैंकों अब तय करेगा कि वो आम लोगों को ईएमआई पर छूट दे रहे हैं या नहीं। साथ ही बैंक ही ये भी तय करेगा कि वो कौन से लोन पर ईएमआई की छूट दे रहे हैं। मतलब ये कि रिटेल, कमर्शियल या अन्य तरह के लोन लेने वाले लोगों के लिए ये दुविधा अभी भी बनी हुई है।
वित्त मंत्रालय ने लिखा था लेटर
कोरोना जैसे मामले की गंभीरता को लेते हुए वित्त मंत्रालय ने आरबीआई को लेटर लिखा था इस लेटर में कहा गया था कि वह ग्राहकों को राहत देने के लिए आपातकालीन कदम उठाये। अब रिजर्व बैंक इसके बारे में कदम उठाएगा और मध्यम वर्ग को राहत देते हुए कर्जों को चुकाने के लिए बैंक ज्यादा समय दे सकते हैं।
सोनिया गांधी ने भी पीएम को लिखा पत्र
इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी गुरुवार को पीएम मोदी को लेटर लिखा था। इस लेटर में उन्होंने कहा था कि कोरोना को देखते हुए लोगों की ईएमआई और लोन भुगतान को छह महीने के लिए टाल दिया जाए।
उन्होंने कहा था, ‘केंद्र सरकार को सभी लोन छह महीने के लिए टाल देने चाहिए। साथ ही जो ब्याज लगाया जा रहा है उसे भी बैंकों को माफ करना चाहिए। इसके अलावा सरकारी कर्मचारियों के वेतन से लोन की जो भी ईएमआई कट रही है उसे भी छह महीने के लिए टाल देनी चाहिए।’
बता दें कि 21 दिनों के लॉकडाउन के बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गरीबों के लिए बीते दिन 1.70 लाख करोड़ के स्पेशल पैकेज का ऐलान किया है। इसके जरिए देश के किसान, मजदूर और महिला वर्ग के अलावा बुजुर्ग, विधवा और दिव्यांगों को राहत देने की कोशिश की गई है। लेकिन मिडिल क्लास के बारे में सरकार ने कुछ नहीं किया।
क्या होता है रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट
रेपो रेट
रेपो रेट वह दर होती है जिस पर बैंकों को आरबीआई कर्ज देता है। बैंक इस कर्ज से ग्राहकों को ऋण देते हैं। रेपो रेट कम होने से मतलब है कि बैंक से मिलने वाले कई तरह के कर्ज सस्ते हो जाएंगे। जैसे कि होम लोन, व्हीकल लोन वगैरह।
रिवर्स रेपो रेट
यह दर रेपो रेट का उलटा होता है। यह वह दर होती है जिस पर बैंकों को उनकी ओर से आरबीआई में जमा धन पर ब्याज मिलता है।रिवर्स रेपो रेट बाजारों में नकदी की तरलता को नियंत्रित करने में काम आती है। बाजार में जब भी बहुत ज्यादा नकदी दिखाई देती है, आरबीआई रिवर्स रेपो रेट बढ़ा देता है, ताकि बैंक ज्यादा ब्याज कमाने के लिए अपनी रकमे उसके पास जमा करा दे।