न्यूज़ डेस्क
बढ़ रही महंगाई को देखते हुए आरबीआई ने एक बार फिर आम जनता को राहत दी है। आरबीआई ने MPC की बैठक में रेपो रेट में 0.25 प्रतिशत की कटौती की है। इससे अब रेपो रेट 5.15 हो जायेगा। आरबीआई द्वारा उठाये गये इस कदम से आम लोगों के लिए बैंकों से कर्ज लेना सस्ता हो जायेगा। इसके साथ ही अब EMI भी कम होने की उम्मीद है।
एक्सपर्टों के अनुसार, महंगाई दर आरबीआई के निश्चित दायरे में है ऐसे में व्याज दरों में कटौती की उम्मीद तो पहले से ही थी। हालांकि, बीते अगस्त में आरबीआई ने ब्याज दरों में 0.35 प्रतिशत की कमी की थी। आरबीआई इस साल लगातार चार बार रेप रेट में कटौती कर चुका है। इससे अब तक साल में कुल मिलाकर 1.10 प्रतिशत की कटौती आरबीआई कर चुका है।
बता दें कि इस वित्त वर्ष की पहली तिमाही में जीडीपी की वृद्धि दर पांच फीसदी तक आ गई थी। जोकि पिछले छह साल में सबसे निचला स्तर पर है। आरबीआई द्वारा व्याज दरों में की गई कटौती से रेपो रेट 0.25 फीसदी घटाकर 5.15 फीसदी हो गया। जबकि रिवर्स रेपो रेट 0.25 की कटौती करके इसको 4.9 फीसदी कर दिया। वहीं, सीआरआर चार फीसदी पर स्थिर है।
क्या होता है रेपो रेट
वो रेट यानी ब्याज दरों पर आरबीआई कमर्शियल बैंकों और दूसरे बैंकों को लोन देता है, उसे रेपो रेट कहते हैं। रेपो रेट कम होने की वजह से बैंक से मिलने वाले लोन सस्ते हो जाएंगे। इससे होम लोन, व्हीकल लोन सहित कई तरह के लोन सस्ते हो जाते हैं।
क्या है एमपीसी
एमपीसी का गठन साल 2016 में हुआ था। इसके जरिए आरबीआई एक्ट में संसोधन किया गया था। यह समिति के जरिये महंगाई की दर का खास ध्यान रखा जाता है। इस समिति में आरबीआई के गवर्नर सहित छह विशेषज्ञ होते हैं। इसमें तीन सदस्य केंद्र सरकार और तीन आरबीआई के होते है। समिति की अध्यक्षता गवर्नर करते हैं।
इस समिति में सभी सदस्यों की सदस्यता चार वर्षों के लिए होती है। इसके लिए वर्ष में कम से कम चार बैठकें करना जरूरी है। इसके अलावा मौद्रिक नीति तैयार करने में आरबीआई का मौद्रिक नीति विभाग एमपीसी की मदद करता है।