न्यूज़ डेस्क
लखनऊ। चुनावी मौसम की गर्मी में नेताओं के कंधे पर गमछे आपने भी देखे होंगे लेकिन इन गमछों की मांग बिना चुनावी मौसम के जल्द बढ़ सकती है। वजह साफ है कोरोना जैसी महामारी से लड़ने के लिए गांव- देहात में जब मास्क नहीं मिलेगा तो इसके सहारे ही लोगों को अपनी जान की रक्षा करनी होगी।
आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए राज्यों के मुख्यमंत्रियों संग बैठक की। कोरोना संकट के बीच जब पीएम मोदी राज्यों के मुख्यमंत्रियों संग वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मिले तो इस दौरान एक चीज ने सबका ध्यान अपनी ओर खींच लिया है, वो था उनका गमछा मास्क।
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अम्बेडकर नगर, मऊ और खलीलाबाद के गमछे दुनियाभर में जाते है जो हैंडलूम और पावरलूम पर बनते हैं। 90 प्रतिशत बुनकर समाज मुस्लिम है। एक तरफ तबलीगी जमात के मामले को लेकर मुस्लिमों के प्रति अपमान की कई घटनाएं सामने आई हैं। लेकिन अब मुस्लिम बुनकरों के बनाये गमछे कोरोना के खिलाफ लड़ाई का बड़ा हथियार बनेंगे।
आपको बता दे की पूर्वांचल के संतकबीर नगर, गोरखपुर और वाराणसी जिले में भी लाखों की संख्या में बुनकर रहते हैं। इस सुझाव से उनके चेहरे तो खिल उठे है। इन बुनकरों का कहना है कि केंद्र व प्रदेश में भाजपा सरकार आने पर उनसे बड़े-बड़े वादे किए गए लेकिन पूरे नहीं हुए। वहीं नोटबंदी व जीएसटी ने उनका व्यापार भी ठप कर दिया। इसके बाद भी वे रुके नही और गमछे बनाते रहे।
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बुनकरों की तमाम समस्याओं के बावजूद आज लॉक डॉउन में भी भूखे- प्यासे रात दिन एक कर जैदपुर की रज़िया गमझे के निर्माण में जुटी हुई है और कोरोना को मात देने के लिए पूरी लगन से मेहनत कर रही है।
हालांकि रज़िया पहले 21 दिन के लॉकडॉउन से टूट गयी थी, लेकिन फिर भी प्रधानमंत्री की मास्क की जगह गमछे के इस्तेमाल की ख्वाहिश और पैग़ाम को अंजाम तक पहुंचाने के लिये दिन- रात लूम चला रही है।
आंखों में आंसू लिए रज़िया बताती है ना पीछे से धागा मिल पा रहा है ना पिछला पैसा ही आढ़तियों ने दिया है, भूख से जंग है उम्मीद ही सहारा है आज तक सरकार की तरफ से कोई राहत का सामान और 1000 रुपये की राशि मिलने की भी आस में है। लेकिन फिर भी प्रधानमंत्री की ख्वाहिश को हम ही नही जैदपुर की बहूत सी रज़ियाये पूरा करने में जी जान लगाये है।
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मशहूर एक्सपोर्टर इरफान अंसारी का कहना है की अभी काफी स्टॉक है उम्मीद है। लॉक डाउन में प्रशासन ने राहत सामग्री के साथ बाटना अनिवार्य कर दिया तो हालात बदल जायेंगे, हमे अगर पास मुहैया करा दिया गया तो हम सभी जगह हिंदुस्तानी मास्क प्रधानमंत्री जी का पैगाम गमछा पहुँचा कर मास्क की काला बाजारी को खत्म कर देंगे?
हैंडलूम एक्सपोर्टर के मैनेजिंग डायरेक्टर वसीम राईन की माने तो प्रधानमंत्री के बनारस में फरमान से देश की बड़ी मार्केट में गिनी जाने वाली बाराबंकी की बुनकर मार्केट में जोश है, लॉक डॉउन में परेशानी की हालत में पहुंच रहे गरीब बुनकरों की उम्मीदें जगी है, बहुत फ़ोन आ रहे है बाहर से काफी ऑर्डर है, विदेशों भेजने वाले दिल्ली- मुम्बई में बैठे एक्सपोर्टर भी जग गये है।
ये बोले थे पीएम
पीएम ने कहा कि उत्तर प्रदेश में तो लोग अपने सिर पर गमछा बांधते हैं या तौलिया रखते हैं। वह उसी से मुंह ढंकने की आदत डालने के बारे में सबको सलाह दें। मोदी ने बनारस की जनता से मास्क पहनने के बजाय गमछा से नाक-मुंह ढकने की अपील की। उनकी इस अपील का जमीनी स्तर से लेकर सोशल मीडिया पर खासा असर देखने को मिल रहा है।
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