जुबिली न्यूज डेस्क
ट्विटर और केंद्र सरकार के बीच टकराव बढ़ता जा रहा है। इस टकराव के बीच केंद्रीय क़ानून, संचार, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना तकनीक मंत्री रविशंकर प्रसाद ने ट्विटर से कई सवाल पूछे हैं।
केंद्रीय मंत्री प्रसाद ने एक साथ कई ट्वीट कर ट्विटर को निशाने पर लिया है। अपने ट्वीट में रविशंकर प्रसाद ने लिखा है, ”26 मई को भारत सरकार की ओर से जारी की गई इन्टरमीडियरी गाइडलाइन का पालन करने में ट्विटर नाकाम रहा है. ट्विटर को कई मौके दिए गए कि वो हमारे नियमों का पालन करे, लेकिन उसने जानबूझकर नहीं मानने का रास्ता चुना।”
”भारत की सांस्कृतिक विविधता भौगोलिक संरचना के हिसाब से है। कुछ खास मामलों में सोशल मीडिया से फैली चिंगारी भी आग का रूप धारण कर सकती है। खासकर फर्जी खबरों के जरिए। इसी को रोकने के लिए हमने नया नियम बनाया है।”
Further, Twitter was given multiple opportunities to comply with the same, however it has deliberately chosen the path of non compliance.
— Ravi Shankar Prasad (@rsprasad) June 16, 2021
केंद्रीय मंत्री ने अपने अगले ट्वीट में कहा, ”ट्विटर ख़ुद को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का झंडाबरदार बताता है लेकिन जब गाइडलाइन की बात आई तो जानबूझकर अनदेखी कर रहा है। इसके अलावा ट्विटर भारत की कानून-व्यवस्था को मानने से इनकार कर रहा है और यूजर्स की शिकायतों की भी अनदेखी कर रहा है। इसके साथ ही ट्विटर अपनी सुविधा और पसंद-नापंसद के हिसाब से किसी पोस्ट को मैनिपुलेटेड मीडिया की श्रेणी में डाल देता है।”
रविशंकर प्रसाद ने कहा, ”उत्तर प्रदेश में जो कुछ हुआ उसमें ट्विटर की फर्जी खबरों को रोकने में मनमानी साफ तौर पर दिखी। ट्विटर तथ्यों की पुष्टि को लेकर बहुत उत्साहित नजर आता है लेकिन उत्तर प्रदेश समेत कई मामलों में उसकी लापरवाही परेशान करने वाली है।”
It is astounding that Twitter which portrays itself as the flag bearer of free speech, chooses the path of deliberate defiance when it comes to the Intermediary Guidelines.
— Ravi Shankar Prasad (@rsprasad) June 16, 2021
कानून मंत्री ने प्रसाद ने कहा, ” भारतीय कंपनियां चाहे वो फार्मा की हों या आईटी सेक्टर की, अगर ये अमेरिका या किसी और देश में कारोबार करने जाती हैं तो वहां के नियम-कानूनों का पालन करती हैं। लेकिन जब भारत ने प्रताडि़तों को आवाज देने के लिए नियम बनाया तो ट्विटर इसके पालन में अनिच्छा दिखा रहा है।”
What happened in UP was illustrative of Twitter’s arbitrariness in fighting fake news. While Twitter has been over enthusiastic about its fact checking mechanism, it’s failure to act in multiple cases like UP is perplexing & indicates its inconsistency in fighting misinformation.
— Ravi Shankar Prasad (@rsprasad) June 16, 2021
”कानून का राज भारतीय समाज का आधार है। भारत अभिव्यक्ति की आजादी को लेकर संवैधानिक गारंटी देता है और जी-7 में इसे ही दोहराया है। कोई भी विदेशी कंपनी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की आड़ में भारत के कानूनों का पालन करने से नहीं बच सकती।”
इस पूरे मामले में ट्विटर ने भी एक बयान जारी किया है। अपने बयान में ट्विटर ने कहा, ”हम प्रक्रिया के हर चरण में प्रगति के बारे में, भारत के आईटी मंत्रालय को अवगत करा रहे हैं। एक अंतरिम मुख्य अनुपालन अधिकारी को नियुक्त किया गया है। इसके बारे में जानकारी सीधे मंत्रालय के साथ साझा की जाएगी। ट्विटर नए दिशानिर्देशों का पालन करने का हर संभव प्रयास कर रहा है।”
प्रवक्ता ने कहा कि उन्हें रवि शंकर प्रसाद के बयान या एफआईआर के बारे में कोई टिप्पणी नहीं करनी है।