मल्लिका दूबे
गोरखपुर। भोजपुरी फिल्मी दुनिया के बड़े कलाकारों में शुमार रवि किशन शुक्ला को गोरक्षनगरी में सपा-बसपा गठबंधन की ‘मुनिया’ से पार पाना बेहद चुनौतीपूर्ण होगा।
इसी ‘मुनिया’ के दम पर सपा ने यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के गढ़ में उप चुनाव में सफलता ऐतिहासिक गान गाया था। सपा-बसपा गठबंधन में सपा के खाते में आयी इस सीट पर कामयाबी बरकरार रखने के लिए गठबंधन के नेता मुनिया को सहेजने में जुटे हैं।
आखिर कौन है ‘मुनिया’
गोरखपुर में सपा-बसपा गठबंधन के नेता इन दिनों मुनिया का ही गुणगान करने में जुटे हैं। मुनिया यानी मुस्लिम, निषाद और यादव। अभी तक कांग्रेस की तरफ से किसी प्रत्याशी का नाम घोषित न होने से जहां मुस्लिम वोटरों के लिए गठबंधन का प्रत्याशी ही मजबूत विकल्प दिख रहा है तो वहीं सपा ने पूर्व मंत्री रामभुआल निषाद को प्रत्याशी बनाकर निषाद समाज के लोगों को साधने की कोशिश की है।
बता दें कि गोरखपुर संसदीय क्षेत्र को निषाद बाहुल्य वाला माना जाता है और उप चुनाव में सपा को जीत दिलाने में इस बिरादरी की महती भूमिका रही। मुनिया का तीसरे फैक्टर यानी यादवों को सपा का मजबूत वोट बैंक माना जाता है।
मुनिया को लेकर क्या है बीजेपी की रणनीति
गोरखपुर का चुनाव भाजपा से अधिक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के लिए प्रतिष्ठापरक है। दर्जनभर नामों पर विचार करने के बाद यहां से सिने स्टार रवि किशन शुक्ला को प्रत्याशी बनाया गया है। वह क्षेत्र में जमकर प्रचार भी कर रहे हैं। पर, बीजेपी के लिए चिंता की बात मुस्लिम, निषाद और यादव वोट बैंक में अपना हिस्सा बनाने को लेकर है।
मुस्लिम वोट बैंक में सेंधमारी की बात पार्टी दूर-दूर तक नहीं सोच पा रही है। उधर यादव वोट बैंक में कुछ हिस्सा पाने के लिए स्थानीय स्तर पर जोर आजमाइश तो हो रही है लेकिन कामयाबी कितनी मिलेगी, यह सवाल अभी कायम है। बात इस संसदीय क्षेत्र के विनिंग फैक्टर में नंबर वन माने जा रहे निषाद वोटरों की।
निषाद वोटरों को सहेजने के लिए सपा से भाजपा में लाए गए पूर्व मंत्री जमुना निषाद के पुत्र अमरेंद्र निषाद बीजेपी का टिकट न मिलने से घर वापसी कर चुके हैं। अब बीजेपी के लिए इस बिरादरी के वोटरों को सहेजने की जिम्मेदारी सपा-बसपा गठबंधन से किनारा कर के आये निषाद पार्टी के अध्यक्ष डा. संजय निषाद पर है। अपने बेटे प्रवीण निषाद के लिए संतकबीरनगर में व्यस्त डा. संजय निषाद गोरखपुर में भाजपा को कितना निषाद वोट दिला पाएंगे, इस पर भी चर्चा खूब है।