सैय्यद मोहम्मद अब्बास
ऐसे तो मैंने कई मैच कवर किये हैं। अपने 14 साल के करियर में वन डे इंटरनेशनल, टी-20 के साथ-साथ रणजी ट्रॉफी भी कवर किया है। इतना ही नहीं अपनी आंखों के सामने कई क्रिकेटरों के करियर को करीब से देखा है। भुवनेश्वर कुमार भी उन्हीं क्रिकेटरों में शामिल है जिसकी गेंदबाजी मैंने बेहद नजदीक से देखी है। भुवी एक ऐसे गेंदबाज है जो प्रवीण कुमार की याद को ताजा कराते हैं। जिस तरह से प्रवीण कुमार विकेट के दोनों तरफ हवा में स्विंग करने का हुनर रखते थे ठीक वैसे ही भुवी में भी वहीं प्रतिभा देखने को मिली। रणजी ट्रॉफी में सचिन तेंदुलकर को क्लीन बोल्ड कर भुवी अचानक से सबकी निगाहों में आ गए थे।
मोहम्मद कैफ ने उनकी प्रतिभा को पहचाना था
उस वक्त यूपी की कमान मोहम्मद कैफ के हाथों में थी और कैफ जानते थे आने वाला कल इस गेंदबाज का है। साल 2008-09 का रणजी ट्रॉफी का फाइनल मुकाबला मुंबई और उत्तर प्रदेश के बीच में हैदराबाद में खेला गया था।
इस मैच में मुंबई की पहली पारी के दौरान भुवनेश्वर कुमार ने सचिन तेंदुलकर को शून्य पर बोल्ड कर विश्व क्रिकेट में अचानक से तहलका मचा दिया था। आज वही भुवी अपने करियर को बचाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
लेकिन बंगाल के खिलाफ आठ विकेट लेकर एक बार फिर स्विंग के सुलताने बता दिया है कि वो अभी हार मानने वाले नहीं है। उनके प्रदर्शन पर मेरे करीबी मित्र ने कहा कि अभी उसका करियर खत्म नहीं हुआ यार
टीम इंडिया में इन दिनों तेज गेंदबाजों की लंबी कतार है। बुमराह, शमी, सिराज की तिकड़ी लगातार भारतीय क्रिकेट को नई ऊंचाइयों पर पहुंचा रहे हैं। इसके अलावा मुकेश कुमार और आवेश खान जैसी नई प्रतिभा लगातार टीम इंडिया में अपनी जगह पक्की करने में लगे हुए है।
ऐसे हालातों में भुवी की जगह टीम इंडिया में नहीं बन पा रही है लेकिन ये कहना अभी जल्दबाजी होगा उनका करियर खत्म हो गया है। कल से कानपुर में शुरू हुए रणजी ट्रॉफी मुकाबले में उत्तर प्रदेश की टक्कर बंगाल से हो रही है। इस मुकाबले में यूपी की टीम 60 रन के स्कोर पर ढेर हो गई लेकिन जब बंगाल की टीम बल्लेबाजी करने उतरी तब किसी ने नहीं सोचा था कि अगले कुछ घंटे बाद कानपुर के ग्रीन पार्क में भुवनेश्वर कुमार की सुनामी आने वाली है। भुवी ने एक नहीं बल्कि बंगाल के एक नहीं आठ विकेट चटकाये।
उनके इस प्रदर्शन को देखकर ये कहा जा सकता है अभी भुवी का करियर खत्म नहीं हुआ है। भुवनेश्वर ने 22 ओवर गेंदबाजी करते हुए 1.90 की इकॉनमी से 41 रन देकर 8 विकेट लेकर बंगाल के बल्लेबाजों की कमर तोड़ दी।
भुवी ने मैच के पहले दिन सौरव पॉल (13), सुदीप कुमार घरामी (0), अनुस्तूप मजूमदार (12), मनोज तिवारी (3) और अभिषेक पोरेल (12) के विकेट चटकाए थे।
उसके बाद दूसरे दिन भी उनकी शानदार गेंदबाजी जारी रही और श्रेयष घोष (41), प्रदीप्ता प्रमाणिक (1) और सूरज सिंधू जायसवाल (20) को भी पावेलियन भेजा। उनके इस प्रदर्शन की बदौलत यूपी ने बंगाल को 188 रन पर लुढक़ा दिया। इसका नतीजा ये हुआ कि बंगाल ने 128 रन की मामूली बढ़त हासिल कर सका।
भुवनेश्वर के प्रथम श्रेणी करियर पर नज़र
- भुवनेश्वर ने प्रथम श्रेणी में 71 मुकाबले खेले हैं और 25 की औसत से 226 विकेट लिए हैं
- 13 बार 5 विकेट लिए हैं
- सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन इसी मैच में आया है
- इससे पहले सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 6/77 विकेट का था।
- लिस्ट-A क्रिकेट में उन्होंने 173 मैच खेले हैं
- 30.90 की औसत से 219 विकेट लिए हैं
- उन्होंने 5 बार 4 विकेट हॉल और 5 बार 5 विकेट लिए हैं
- उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 5/4 का रहा है।
अंतरराष्ट्रीय करियर
- भुवनेश्वर ने 2013 में ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट टीम के खिलाफ अपना टेस्ट डेब्यू किया था
- उन्होंने 21 टेस्ट में 26.09 की औसत से 63 विकेट लिए हैं
- 4 बार 5 विकेट हॉल ले चुके हैं। उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 6/82 विकेट का रहा है
- वनडे में उन्होंने 121 मैचों में 35.11 की औसत से 141 विकेट चटकाए हैं
- उन्होंने टी-20 अंतरराष्ट्रीय में 87 मैच में 23.10 की औसत से 90 विकेट लिए हैं