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झारखंड के पूर्व मंत्री एनोस एक्का को मनीलॉन्ड्रिंग मामले में सात साल की सजा सुनाई गई है। साथ ही ईडी कोर्ट ने उन पर दो करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया है। इसके अलावा जुर्माना नहीं देने पर सजा एक साल बढ़ भी सकती है। यही नहीं कोर्ट ने पूर्व मंत्री की संपत्ति जब्त कर भारत सरकार को सौंपने का आदेश दिया है।
जाहिर है कि ईडी की जांच में रांची, सिमडेगा, दिल्ली, सिल्लीगुड़ी जैसी कई जगहों पर पूर्व मंत्री की संपत्ति होने का खुलासा हुआ था। एनोस एक्का प्रदेश के पूर्वी सीएम मधु कोड़ा के शासनकाल में मंत्री थे।
लॉक डाउन की वजह से ईडी कोर्ट ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये सुनवाई कर पूर्व मंत्री को सजा सुनाई है। पूर्व मंत्री को 20 करोड़ 31 लाख 77 हजार रुपये के मनीलॉन्ड्रिंग के मामले में दोषी ठहराया गया था। उन्हें अदालत ने 21 मार्च को दोषी करार दिया था, लेकिन लॉकडाउन की वजह से उनकी सजा के ऐलान की तारीख चार बार बढ़ानी पड़ी।
गौरतलब है कि ईडी ने इस मामले में अक्टूबर 2009 में एनोस एक्का के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी। इसमें ईडी ने 57 गवाहों के बयान दर्ज कराए थे। जबकि पूर्व मंत्री ने अपने बचाव में 70 गवाहों को पेश किया था। उनके खिलाफ गवाही में खुद उनकी पत्नी मेनन एक्का के साथ जयकांत बारा सरकारी गवाह बने थे।
यही नहीं 25 फरवरी 2020 में सीबीआई कोर्ट ने आय से अधिक संपत्ति के मामले में पूर्व मंत्री को दोषी करार देते हुए 7 साल और 50 लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई थी। इस मामले में पूर्व मंत्री के अलावा उनकी पत्नी मेनन एक्का एवं अन्य पांच आरोपियों को भी 7 -7 साल जेल की सजा और 50-50 लाख जुर्माना की सजा सुनाई गई थी।
हालांकि एनोस एक्का, उनकी पत्नी मेनन एक्का सहित परिवार के पांच सदस्य आय से अधिक संपत्ति के मामले में रांची के होटवार जेल में सात साल की सजा काट रहे हैं। जबकि पारा शिक्षक हत्या मामले में एनोस एक्का पहले से ही आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं।